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हरकत में महाराष्ट्र सरकार, HC के पूर्व जज की निगरानी में कमेटी बनाने पर विचार- सूत्र

मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के लेटर बम के बाद महाविकास अघाड़ी के तीनो दलों के नेता एकजुट होकर स्थिति का मुकाबला करने पर एकमत हुए है. अघाड़ी सरकार के सूत्रों ने यह भी संकेत दिया कि अब गृह मंत्री अनिल देशमुख अपने पद से नहीं हटेंगे. 

Updated on: 23 Mar 2021, 11:26 AM

highlights

  • अनिल देशमुख पर लगा है 100 करोड़ की उगाली का आरोप
  • कैबिनेट विस्तार में अनिल देशमुख से गृहमंत्रालय लेने की भी संभावना
  • मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने लगाए हैं गंभीर आरोप 

मुंबई:

मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के लेटर बम के बाद अब महाराष्ट्र सरकार हरकत में आई है. सूत्रों का कहना है कि उद्धव ठाकरे सरकार परमबीर द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करने के लिए एक जांच समिति का गठन करने का विचार कर रही है. सरकार हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की नियुक्ति भी इस समिति के लिए करने की संभावना पर विचार कर रही है. इसके साथ ही अगले कुछ दिनों में उद्धव ठाकरे महाविकास अघाड़ी सरकार की समन्वय समिति की संभावित बैठक बुला रहे हैं. बैठक में इस स्थिति से निपटने के विकल्पों पर चर्चा की जा सकती है. आने वाले शुक्रवार को परमबीर की याचिका सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए आ सकती है.

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गृहमंत्रालय को लेकर हो सकता है फैसला 
महाराष्ट्र में एंटीलिया केस में सचिन वाझे की गिरफ्तारी और पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्ठी के बाद से सियासी घमासान जारी है. बीजेपी ने मामला सामने आने के बाद गृहमंत्री अनिल देशमुख का इस्तीफा मांगा है. इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे हैं कि अनिल देशमुख से गृहमंत्रालय लेकर किसी अन्य को सौंपा जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक दो नाम रेस में हैं, जयंत पाटिल और डिप्टी सीएम अजित पवार. महाराष्ट्र के सियासी इतिहास की बात करें तो इससे पहले भी जब कांग्रेस और एनसीपी की सरकार के दौरान डिप्टी सीएम के पास ही गृहमंत्रालय रहा है. इसके साथ ही संजय राठौड़ के इस्तीफे के बाद से वन मंत्रालय भी खाली पड़ा है. वहां भी शिवसेना को एक मंत्री देना है. इस सब के बीच कांग्रेस की बात करें तो वहां पार्टी के अंदर ही काफी खींचतान चल रही है. नितिन राउत के ऊर्जा मंत्रालय को लेकर कांग्रेस में कई दावेदार सामने आए हैं. संभव है कि नाना पटोले को कोई मंत्री पद दिया जा सकता है.

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देशमुख पर लगे हैं 100 करोड़ की वसूली के आरोप
मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने गृहमंत्री अनिल देशमुख पर सचिन वाझे के जरिए 100 करोड़ रुपये की वसूली के आरोप लगाए हैं. परमबीर का आरोप है कि देशमुख और वाजे फरवरी के मध्य में मिले थे. मध्य मतलब 15 फरवरी जब देशमुख डिस्चार्ज हो चुके थे. परमबीर का दावा है कि एक मुलाकात फरवरी के आखिर में भी हुई थी. मतलब जब देशमुख के होम आइसोलेशन की मियाद खत्म होती है. परमबीर सिंह के लेटर बम के बाद धमाके ने महाराष्ट्र की सियासत को हिला कर रख दिया है.