मनोज जरांगे के पांच मांगों पर सरकार की सहमति, बोले- हमारी हुई जीत

मराठा आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे की जीत हुई है. सरकार ने उनकी पांच मांगें मान ली हैं. हालांकि, उनकी दो मांगों पर कोई फैसला नहीं हुआ है.

मराठा आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे की जीत हुई है. सरकार ने उनकी पांच मांगें मान ली हैं. हालांकि, उनकी दो मांगों पर कोई फैसला नहीं हुआ है.

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Ravi Prashant
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मनोज जरांगे Photograph: (IG)

मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन कर रहे मनोज जरांगे को आजाद मैदान खाली करने के निर्देश दिए गए हैं. हाईकोर्ट ने मंगलवार को दोपहर 3 बजे तक मैदान खाली करने का आदेश दिया था. इसके बावजूद जरांगे और उनके समर्थक वहीं डटे रहे. बुधवार तक उन्हें समय दिया गया है कि वे जल्द से जल्द मैदान खाली करें.

जरांगे के थे सात डिमांड

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इसी बीच महाराष्ट्र सरकार ने जरांगे की सात में से पांच मांगें मान ली हैं, जबकि दो मुद्दों पर फिलहाल फैसला टल गया है. आंदोलन अब अपने पांचवें दिन में प्रवेश कर गया है. मंगलवार को जब पुलिस बल मैदान खाली कराने पहुंचा तो जरांगे समर्थकों ने विरोध किया और पुलिस के साथ तीखी बहस भी हुई. 

जरांगे से मिले चार मंत्री

सरकार की ओर से चार मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल, शिवेंद्र राजे भोंसले, जयकुमार गोरे और माणिकराव कोकाटे जरांगे से मिलने आजाद मैदान पहुंचे. उन्होंने समिति के साथ हुई चर्चा की पूरी जानकारी दी.  इसके बाद जरांगे ने कहा कि उनकी जीत हो गई है और कई अहम मांगें पूरी कर ली गई हैं. 

जरांगे की पांच स्वीकार की गई प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं

  • सतारा संस्थान का गजट एक महीने के भीतर लागू किया जाएगा.
  • हैदराबाद संस्थान का गजट तत्काल लागू होगा और आज ही शासनादेश (जीआर) जारी होगा.
  • मराठा आंदोलनकारियों पर अब तक दर्ज सभी मुकदमे वापस लिए जाएंगे। सरकार कोर्ट में जाकर इन्हें रद्द कराएगी.
  • आंदोलन के दौरान जिन लोगों की मौत हुई, उनके परिवारों को आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी.
  • 58 लाख मराठा कुनबी का रिकॉर्ड मिला है, जिसे ग्राम पंचायत स्तर पर दर्ज किया जाएगा.

हालांकि दो मांगों पर सरकार ने तत्काल सहमति नहीं दी है. 

  • कुणबी और मराठा को एक ही साबित करने के लिए अध्ययन किया जाएगा और दो महीने में निर्णय लिया जाएगा.
  • "सगे सोयरे" से जुड़ी 8 लाख आपत्तियों पर अध्ययन कर आगे का फैसला लिया जाएगा.

जरांगे का कहना है कि सरकार की ओर से मिली इन रियायतों के बाद भी आंदोलन जारी रहेगा जब तक सभी मांगों पर अंतिम निर्णय नहीं हो जाता.

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