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उद्धव ठाकरे से छिना शिवसेना का नाम और निशान, एकनाथ शिंदे गुट को मिला तीर-कमान

महाराष्ट्र की राजनीति में लंबे समय जारी उठापटक अब थम जाएगा. पिछले काफी समय से शिवसेना का नाम और पार्टी का निशान तीर-कमान को लेकर उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट के बीच घमासान चल रहा था.

Updated on: 17 Feb 2023, 07:31 PM

मुंबई:

महाराष्ट्र की राजनीति में लंबे समय जारी उठापटक अब थम जाएगा. पिछले काफी समय से शिवसेना का नाम और पार्टी का निशान तीर-कमान को लेकर उद्धव ठाकरे गुट (Uddhav Thackeray faction) और एकनाथ शिंदे गुट (Eknath Shinde faction) के बीच घमासान चल रहा था. इस बीच चुनाव आयोग ने शुक्रवार को एकनाथ शिंदे गुट के पक्ष में बड़ा आदेश दिया है. चुनाव आयोग से एकनाथ शिंदे गुट की बड़ी जीत हुई है, जबकि उद्धव ठाकरे गुट से पार्टी का नाम और निशान छिन गया है.  

चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने आदेश दिया कि एकनाथ शिंदे गुट के पास पार्टी का नाम शिवसेना और पार्टी का प्रतीक तीर-कमान रहेगा. EC के इस आदेश के बाद अब उद्धव ठाकरे गुट का शिवसेना के नाम और चिह्न तीर-कमान पर कोई अधिकार नहीं रहेगा. आपको बता दें कि एकनाथ शिंदे ने पिछले साल जून के महीने में तख्तापटल किया था. इस दौरान शिवसेना दो गुट में बंट गई थी- एक गुट एकनाथ शिंदे का और दूसरा गुट उद्धव ठाकरे का. 

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एकनाथ शिंदे गुट के बगावत के बाद उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे गुट और भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मिलकर सरकार बनाई है. एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री और देवेंद्र फडणवीस उप मुख्यमंत्री बने. इसके बाद शिवसेना पार्टी को लेकर उद्धव और शिंदे गुट आमने-सामने आ गए. शिंदे गुट का कहना था कि हम बालासाहेब ठाकरे के विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं. वहीं, उद्धव ठाकरे गुट ने भी शिवसेना पर अपना दावा ठोंका था.

इसके बाद दोनों गुटों ने शिवसेना के नाम और पार्टी के निशान तीर-कमान को लेकर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया. चुनाव आयोग के आदेश आने के बाद शिंदे गुट का शिवसेना पर अधिकार हो गया है, जबकि उद्धव ठाकरे गुट के लिए यह बहुत बड़ा झटका है.