Latur Cloud Burst: महाराष्ट्र में मानसून की दस्तक के साथ ही भारी बारिश का सिलसिला शुरू हो गया है. राज्य के कई इलाके भारी बारिश की चपेट में है. जिससे बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. राज्य की नदी-नाले उफान पर हैं. मायानगरी मुंबई में हुई भारी बारिश से कई इलाकों में जलभराव हो गया. जबकि मंगलवार को महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में जमकर बारिश हुई. वहीं लातूर में बादल फट गया. आमतौर पर शुष्क रहने वाले लातूर शहर और कई अन्य इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए. जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को लातूर में बादल फटने जैसी घटना के बाद इलाके में बाढ़ आ गई.
इन इलाकों में जमकर हुई बारिश
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार के लिए महाराष्ट्र के कई जिलों में बारी बारिश का अनुमान जताया था. इसके बाद मराठवाड़ा के लातूर जिले में भारी बारिश हुई. जिससे नदी-नालों में उफान आ गया. वहीं औरंगाबाद, जालना, बीड, परभणी, लातूर, नांदेड़, उस्मानाबाद (धाराशिव) और हिंगोली जिलों में भी बारिश दर्ज की गई.
बता दें कि महाराष्ट्र का लातूर जिला राज्य के सबसे ज्यादा सूखे वाले जिलों में शामिल है जिसे सूखाग्रस्त माना जाता है. लेकिन इस बार यहां मानसून की पहली बारिश ने ही तबाही मचा दी. साल 2016 में पानी की कमी के चलते प्रशासन को विशेष ट्रेनों से लातूर में पानी पहुंचाना पड़ा था लेकिन अब यहां के हालात बिल्कुल उलट गए हैं. बता दें कि पिछले तीन सप्ताह से ज़िले में बारिश का दौर जारी है. 1 मार्च से 8 मई के बीच लातूर में 22.5 मिलीमीटर (मिमी) बारिश दर्ज की गई है. जो इस अवधि के दौरान सामान्य से 11 प्रतिशत अधिक रही है.
लातूर में कितनी हुई बारिश
इस साल लातूर में बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिया. 16 मई तक जिले में मौसमी बारिश बढ़कर 39.8 मिमी हो गई, जो 67 प्रतिशत अधिक थी. इसके बाद 24 मई को कुल बारिश का आंकड़ा अचानक बढ़कर 245.5 मिमी हो गया, जो लातूर के लिए सामान्य से 774 प्रतिशत अधिक था. 27 मई को बारिश में 745 प्रतिशत की अधिकता थी, जबकि कुल बारिश का आंकड़ा 264.5 मिमी दर्ज किया गया. जबकि मंगलवार यानी 27 मई को अचानक हुई बारिश की वजह इस क्षेत्र में दक्षिण-पश्चिम मानसून की दस्तक का संकेत है.
आईएमडी के अनुसार, मानसून 26 मई को महाराष्ट्र के पुणे और शोलापुर में पहुंच गया था. मौसम एजेंसी ने 27 मई को संकेत दिया कि अगले दो से तीन दिनों में मानसून आगे बढ़ सकता है. वहीं मध्य प्रदेश के मध्य भाग में ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है. इसी तरह की एक और प्रणाली दक्षिण छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र से सटे हुए क्षेत्र में बनी हुई है.
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