Chhagan Bhujbal: महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की सरकार बन चुकी है. 5 दिसंबर को मुख्यमंत्री और दो डिप्टी सीएम पद का शपथ ग्रहण समारोह हुआ. महायुति की सरकार में तो सबकुछ सही नजर आ रहा है, लेकिन पार्टी के अंदर ही आपसी मतभेद सामने आ रहा है. दरअसल, महायुति में कैबिनेट का विस्तार हो चुका है, लेकिन एनसीपी के दिग्गज नेता छगन भुजबल को कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया.
अजित पवार और छगन भुजबल के बीच खटास!
खबरें तो यह भी सामने आई कि फडणवीस भुजबल को कैबिनेट में शामिल करना चाहते थे, लेकिन अजित पवार उन्हें कैबिनेट में शामिल नहीं करना चाहते थे. खुद भुजबल ने भी इस बात को स्वीकार किया. एनसीपी के दोनों नेताओं के रिश्तों में आई खटास सबके सामने आ चुकी है. इन सबके बीच छगन भुजबल सोमवार को देवेंद्र फडणवीस से मिलने के लिए पहुंचे.
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फडणवीस ने मांगा 8-10 दिन का मांगा समय
सीएम फडणवीस से मुलाकात के बाद भुजबल ने पीसी की और कहा कि सीएम ने उनसे 8-10 का समय मांगा है. साथ ही यह भी कहा है कि वह ओबीसी और उनके नेताओं के लिए जो कर सकते हैं, वह करेंगे. भुजबल ने यह भी बताया कि उन्होंने सीएम से कई सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की. सीएम ने उनकी हर एक बात को सुना. सीएम फडणवीस ने यह भी स्वीकार किया कि महाराष्ट्र में महायुति को प्रचंड बहुमत मिलने में ओबीसी वर्ग का भी योगदान अहम रहा है.
बीजेपी में शामिल होंगे छगन भुजबल?
बता दें कि महाराष्ट्र कैबिनेट में जब से छगन भुजबल को शामिल नहीं किया गया तब से अजित पवार से उनकी मुलाकात नहीं हुई. वहीं, मीडिया से बात करते हुए भुजबल ने कहा कि मुझे मंत्री नहीं बनाए जाने का दुख नहीं है, लेकिन जिस तरह से उनके साथ व्यवहार किया गया, वह उस चीज से आहत हैं. आगे उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान भी उन्हें नासिक सीट से लड़ने के लिए कहा गया था, जिसके लिए वह तैयार थे. फिर राज्यसभा जाने के लिए कहा गया. उसके बाद विधानसभा चुनाव में उन्हें चुनावी मैदान में उतारा गया. जीत के बाद अब उन्हें कैबिनेट में जगह नहीं देकर राज्यसभा सीट ऑफर किया गया.