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बॉम्बे हाईकोर्ट ने अनिल देशमुख भ्रष्टाचार केस में 23 जून तक टाली सुनवाई

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कथित भ्रष्टाचार के एक मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी के खिलाफ महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख और राज्य सरकार के आवेदनों पर सुनवाई 23 जून तक के लिए स्थगित कर दी है

Updated on: 21 Jun 2021, 11:31 PM

highlights

  • Bombay High Court ने  अनिल के खिलाफ सुनवाई 23 जून तक के लिए स्थगित कर दी
  • सीबीआई ने एनसीपी नेता देशमुख से मुंबई में 14 अप्रैल को आठ घंटे पूछताछ की थी
  • अनिल देशमुख और कई अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार के दुरुपयोग के आरोपों  दर्ज

मुंबई:

बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court ) ने कथित भ्रष्टाचार के एक मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी के खिलाफ महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख और राज्य सरकार के आवेदनों पर सुनवाई 23 जून तक के लिए स्थगित कर दी है. आपको बता दे कि सीबीआई ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और कई अन्य के खिलाफ कार्यालय और भ्रष्टाचार के दुरुपयोग के आरोपों की अपनी जांच में आगे बढ़ते हुए मामला दर्ज किया था. इस दौरान जांच एजेंसी एनसीपी के वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख के परिसर समेत कई स्थानों पर तलाशी ली थी. सूत्रों के अनुसार एजेंसी ने आईपीसी की धारा 120 बी के साथ-साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया था.

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पद का दुरुपयोग किया और अनुचित प्रभाव डाला

पीई के आधार पर सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में, इसने मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा दायर रिट याचिका का उल्लेख किया है, जिसमें उल्लेख किया गया है कि कैसे तत्कालीन गृह मंत्री (देशमुख) और अन्य ने स्थानांतरण और पोस्टिंग को लेकर पद का दुरुपयोग किया और अनुचित प्रभाव डाला. सीबीआई ने शनिवार सुबह देशमुख के नागपुर स्थित घर और महाराष्ट्र के कई शहरों में स्थित अन्य परिसरों पर छापेमारी की और मामले के सिलसिले में उनसे आठ घंटे तक पूछताछ भी की थी.

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देशमुख से मुंबई में 14 अप्रैल को आठ घंटे पूछताछ की थी

इससे पहले सीबीआई ने एनसीपी नेता देशमुख से मुंबई में 14 अप्रैल को आठ घंटे पूछताछ की थी. सीबीआई की कार्रवाई पिछले महीने पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की प्राथमिक जांच का हिस्सा थी, जिसके बाद राजनीतिक भूचाल आ गया था. अदालत द्वारा सीबीआई की ओर से प्रारंभिक जांच के आदेश के कुछ समय बाद ही देशमुख ने गृह मंत्री का अपना पद छोड़ दिया था और उनकी जगह वरिष्ठ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता वाल्से-पाटिल को नियुक्त किया गया था.