'अटल बिहारी वाजपेयी दूसरे नेहरू थे', संजय राउत ने क्यों कहा ऐसा?

Sanjay Raut On Atal Bihari Vajpayee: भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने वाजपेयी की तुलना नेहरू से की है.

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Vineeta Kumari
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atal and nehru Photograph: (गूगल)

Sanjay Raut On Atal Bihari Vajpayee: देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की आज 100वीं जयंती है. इस मौके पर तमाम राजनेता वाजपेयी को याद करते नजर आ रहे हैं. इस बीच शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने बड़ा बयान दिया है. राउत ने वाजपेयी जी की तुलना देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से की है.

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संजय राउत ने नेहरू से की वाजपेयी की तुलना

राउत ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि वाजपेयी जी दूसरे नेहरू हैं. वह खुद भी नेहरू के भक्त थे. राजधर्म का पालन करते थे. इसके साथ ही राउत ने कहा कि जब वाजपेयी जी और लालकृष्ण आडवाणी थे, उस समय बीजेपी और शिवसेना के रिश्ते काफी अच्छे थे. इसके अलावा संजय राउत से जब आगामी बीएमसी चुनाव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमलोग चुनाव की तैयारी कर रहे हैं.

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बीएमसी चुनाव पर शिवसेना की नजर

बता दें कि बीएमसी चुनाव में शिवसेना का प्रभाव रहा है. 1996 से लेकर पिछले चुनाव तक शिवसेना ने बीएमसी के चुनाव में जीतती आई है और शिवसेना लगातार अपना मेयर बनाती रही है. शिवसेना का गढ़ माने जाने वाले चुनाव में इस बार क्या समीकरण होगा. सब इसे लेकर कयास लगा रहे हैं.

236 सीटों पर मुकाबला

विधानसभा चुनाव की तरह ही पहली बार शिवसेना के दो गुटों में बदलने के बाद यह पहला बीएमसी चुनाव होगा. 2022 में शिवसेना दो गुटों में बंट गई. एक शिंदे गुट और दूसरा ठाकरे गुट. देखना दिलचस्प होगा कि बीएमसी चुनाव में प्रदेश की जनता किस गुट पर अपना भरोसा दिखाती है.

शिवसेना का गढ़ बीएमसी चुनाव!

हालांकि विधानसभा चुनाव की बात करें तो महायुति ने प्रचंड बहुमत हासिल की. प्रदेश में कुल 288 विधानसभा सीटों में से 235 सीटों पर महायुति ने जीत दर्ज की. दूसरी तरफ महाविकास अघाड़ी महज 47 सीटों पर सिमट कर रह गई. बीएमसी चुनाव की बात करें तो मुंबई नगर निगम में कुल 236 सीटें हैं. बहुमत के लिए किसी भी पार्टी को 119 पार्षदों की जरूरत होती है. इस बार ठाकरे गुट महाविकास अघाड़ी के साथ नहीं बल्कि अकेले ही चुनाव में उतरेगी.  

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