/newsnation/media/media_files/2025/02/08/B7QKo6rt5rfk5PVOtjG4.jpg)
Anna Hazare Protest
Anna Hazare Protest: समाजसेवी अन्ना हजारे ने फिर से हुंकार भर दी है. वे अब एक बार फिर से भूख हड़ताल कर सकते हैं. समाजसेवी अन्ना हजारे ने महायुति सरकार के कामकाज पर अपनी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में लोकायुक्त कानून को अब तक लागू नहीं किया गया है, जिस वजह से वे दोबारा भूख हड़ताल शुरू करेंगे. हजारे ने कहा कि अगर प्रदेश में सशक्त लोकायुक्त कानून नहीं आया तो हमें जीने की कोई इच्छा नहीं है.
दरअसल, महाराष्ट्र में लोकायुक्त एक्ट लागू न होने की वजह से हजारे ने 30 जनवरी 2026 से भूख हड़ताल शुरू करने का ऐलान किया है. उन्होंने महाराष्ट्र में लोकायुक्त कानून को लागू करने की मांग की है. वे रालेगन सिद्धि में भूख हड़ताल करेंगे. अन्ना ने कहा कि लोगों के लिए हम इंसाफ की मांग कर रहे हैं. इसके लिए हम लड़ेंगे. अन्ना हजार ने ये भी साफ कर दिया है कि ये उनकी अंतिम भूख हड़ताल करेंगे.
ये खबर भी पढ़ें- Nanded Murder: ‘प्रेमी की हत्या में पुलिस वाले भी शामिल थे, थाने में रची गई थी साजिश’, प्रेमिका ने लगाए आरोप
भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता का मुद्दा
अन्ना हजारे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इस बारे में एक चिट्ठी भी लिखी है. उन्होंने अपनी चिट्ठी में कहा कि विधानसभा, विधान परिषद और राज्यपाल की मंजूरी के बावजूद लोकायुक्त बिल दो साल से पेंडिंग है. ये निजी मुद्दा नहीं है. ये भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता का मुद्दा है. उन्होंने कहा कि सरकार की इच्छाशक्ति नहीं है. वे 30 जनवरी से रालेगण सिद्धि में भूख हड़ताल करेंगे.
2022 में महाराष्ट्र विधानसभा से पास हुआ बिल
बता दें, महाराष्ट्र सरकार ने 28 दिसंबर 2022 को विधानसभा से और 15 दिसंबर 2023 को विधान परिषद से लोकायुक्त बिल पास करवा लिया था. अब तक इसे लागू नहीं किया गया है, जिस वजह से अन्ना ने अब अनशन शुरू करने का फैसला किया है. दोनों सदनों में मंजूर होने के बाद इसे ‘महाराष्ट्र लोकायुक्त और उप लोकायुक्त एक्ट, 2022’ के तौर पर लागू किया जाना था. हालांकि, ये बिल लागू नहीं हो पाया है, जिस वजह से अन्ना हजारे एक बार फिर से अनशन की चेतावनी दे रहे हैं.
इस बिल का क्या फ़ायदा है?
महाराष्ट्र में अगर एक मजबूत लोकायुक्त एक्ट लागू होता है, तो यह नया कानून राज्य के एंटी-करप्शन सिस्टम को मज़बूत करेगा. इस एक्ट के अनुसार, हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज या बॉम्बे हाईकोर्ट के जज लोकायुक्त हो सकते हैं. प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट, अब लोकायुक्त के दायरे में आ गया है.
/newsnation/media/agency_attachments/logo-webp.webp)
Follow Us