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Maha Politics: टूट गई NCP? अजित पवार ने Social Media से हटाया पार्टी सिंबल

Ajit Pawar removes NCP symbol as cover photo from Facebook and Twitter : मीडिया रिपोर्ट्स में अजित पवार के एनसीपी से अलग होने और पार्टी के बड़े हिस्से पर कब्जे की खबरें आ रही थी. अब वो सच होती दिख रही हैं. अजित पवार ने अपने सोशल मीडिया पेज से एनसीपी के सिंबल हटा दिये हैं, जो उन्होंने ट्विटर और फेसबुक...

Updated on: 18 Apr 2023, 01:50 PM

highlights

  • अजित पवार ने सोशल मीडिया से हटाया एनसीपी का सिंबल
  • कुछ समय से चल रही है एनसीपी से अलगाव की चर्चा
  • पहले भी बीजेपी के साथ सरकार बना चुके हैं अजित पवार

नई दिल्ली:

Ajit Pawar removes NCP symbol as cover photo from Facebook and Twitter : मीडिया रिपोर्ट्स में अजित पवार के एनसीपी से अलग होने और पार्टी के बड़े हिस्से पर कब्जे की खबरें आ रही थी. अब वो सच होती दिख रही हैं. अजित पवार ने अपने सोशल मीडिया पेज से एनसीपी के सिंबल हटा दिये हैं, जो उन्होंने ट्विटर और फेसबुक के कवर फोटो के तौर पर लगा रखे थे. ऐसे में माना जा रहा है कि वो जल्द ही एनसीपी से अलगाव का ऐलान कर सकते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र में एनसीपी के 53 विधायक हैं, जिसमें से 35-40 विधायक उनके साथ पार्टी छोड़ सकते हैं.

अजित पवार का समर्थन पार्टी में बढ़ा

इस मामले में शरद पवार ने दो दिन पहले कहा था कि उनकी पार्टी बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं करने जा रही है. ऐसे में अगर कोई विधायक जाना चाहे, तो वो उनका व्यक्तिगत फैसला होगा. शरद पवार ने ये बयान उन मीडिया रिपोर्ट्स पर दिया था, जिसमें ये कहा जा रहा था कि अजित पवार अब भी भारतीय जनता पार्टी के साथ काम करने के समर्थन में हैं. उनके साथ पार्टी के कई विधायक हैं. इस बीच, एनसीपी नेता अनिल पाटिल ने बताया दिया है कि अजित पवार अभी एनसीपी में हैं. लेकिन वो जो भी फैसला लेंगे. हम उनके साथ हैं. उनका ये बयान बताता है कि इस बार अजित पवार के साथ बड़ी संख्या में विधायक हैं.

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सुप्रिया सुले ने दिया ये बयान, अजित पहले भी कर चुके हैं बगावत

इस बीच, एनसीपी मुखिया शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अगले 15 दिनों में दो राजनीतिक धमाके हो सकते हैं. इन धमाकों में से एक धमाका दिल्ली में होगा, तो दूसरा धमाका महाराष्ट्र में. उनके बयान के भी अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं. बता दें कि अजित पवार ने पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के साथ नाटकीय अंदाज में सरकार बना ली थी. उन्होंने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले ली थी. लेकिन शरद पवार के आगे उनकी एक नहीं चली थी और महज 80 घंटों में ही वो इस्तीफा देकर एनसीपी के साथ लौट आए थे.