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चुनाव में जलभराव बना राजनीतिक मुद्दा, विपक्ष हुआ हमलावर

नावी सरगर्मी के बीच जबलपुर में हुई मानसून की पहली मूसलाधार बारिश ने राजनीतिक पार्टियों को बैठे बिठाए एक मुद्दा दे दिया है. पहली बार बारिश के मौसम में हो रहे स्थानीय चुनावों में जल भराव एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है.

Updated on: 30 Jun 2022, 11:28 AM

नई दिल्ली :

चुनावी सरगर्मी के बीच जबलपुर में हुई मानसून की पहली मूसलाधार बारिश ने राजनीतिक पार्टियों को बैठे बिठाए एक मुद्दा दे दिया है. पहली बार बारिश के मौसम में हो रहे स्थानीय चुनावों में जल भराव एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है. जबलपुर में मूसलाधार बारिश की वजह से शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए और लोगों के घरों में पानी घुस गया. जिसकी वजह से लोगों का आक्रोश नगर सत्ता और अधिकारियों पर फूट पड़ा है. अब जनता के आक्रोश का फायदा उठाने में कांग्रेस भी जुट गई है. जबलपुर नगर निगम में पिछले 15 सालों से बीजेपी की सत्ता रही है ऐसे में सवाल तो बीजेपी की कार्यशैली पर ही उठ रहे हैं.

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चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी जगत बहादुर सिंह भी जल प्लावन की समस्या में उलझ गए. चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी आधे आधे पानी में खड़े होकर लोगों से बीजेपी के अव्यवस्थित विकास कार्यों की पोल खोलते नजर आए. कांग्रेस जबलपुर के जल प्लावन की समस्या को भलीभांति जानती है और यही वजह है कि बारिश ने जहां एक तरफ शहर के इस बड़े मुद्दे को खुलकर सामने ला दिया है तो कांग्रेस इसे पूरी तरह भुनाने में जुट गई है. कांग्रेस का आरोप है कि पिछले 15 सालों से नगर सत्ता में बैठी बीजेपी की सरकार ने जल प्लावन की समस्या को खत्म करने के लिए आज तक कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया. 

जिसकी वजह से हर साल शहर के हजारों नागरिकों को जल प्लावन की समस्या से दो चार होना पड़ता है. इधर बीजेपी जल प्लावन की समस्या से साफ इंकार कर रही है बीजेपी का कहना है कि शहर के कुछ क्षेत्र में पानी भरता जरूर है लेकिन आधे घंटे में ही खाली भी हो जाता है कांग्रेस केवल इसे राजनीतिक एजेंडा बनाकर जनता को बरगलाने का काम कर रही है.