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महिला अपराधों की रोकथाम के लिए 700 थानों में बने ऊर्जा महिला हेल्पलाइन डेस्क

मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा केंद्र सरकार के आर्थिक एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग से प्रदेश के समस्त जिलों के 700 थानों में 'ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क'' स्थापित की जा रही है.

Updated on: 31 Mar 2021, 02:18 PM

भोपाल:

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशानुसार महिला अपराधों की प्रभावी रोकथाम के लिये मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा केंद्र सरकार के आर्थिक एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग से प्रदेश के समस्त जिलों के 700 थानों में 'ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क'' स्थापित की जा रही है. महिला डेस्क को मुख्य रूप से महिला, बच्चे एवं बुजुर्गों को ध्यान में रखते हुए कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया गया है. महिला डेस्क खोले जाने के पूर्व ही इसके लिये आधारभूत तैयारी कर ली गई है. जबलपुर हाईकोर्ट के प्रशासनिक न्यायाधिपति प्रकाश श्रीवास्तव आज इन ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क का ऑनलाइन शुभारंभ करने जा रहे हैं.

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सरकार के मुताबिक, महिलाओं के प्रति हो रही हिंसा के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही के लिए मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा महिला डेस्क को पुलिस द्वारा की जाने वाली समस्त प्रकार की प्राथमिक कार्यवाही सहित एक आदर्श मानकीकृत प्रक्रिया (SOP) उपलब्ध कराई जा रही है, जिसका उद्देश्य पीड़ित महिला की सहानुभूतिपूर्वक सुनवाई करना, उचित वातावरण उपलब्ध कराना, कानूनी प्रक्रिया की जानकारी देना तथा अन्य स्वयंसेवी समूह से यथोचित सहायता उपलब्ध कराना है.

उन थानों का चयन किया गया है, जहां अन्य थानों की तुलना में महिला अपराध अधिक हैं. महिला डेस्क के लिए पृथक कक्ष, महिला अधिकारी की पद-स्थापना एवं प्रसाधन कक्ष की व्यवस्था भी होगी. प्रत्येक जिले में महिला डेस्क के नोडल अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक/उप पुलिस अधीक्षक स्तर के होंगे तथा थाना प्रभारी के नियंत्रण एवं निर्देशन में ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क का संचालन महिला उप निरीक्षक/सहायक उप निरीक्षक द्वारा किया जाएगा.

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'ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क' के ऑनलाइन शुभारंभ अवसर पर गृह विभाग, महिला-बाल विकास, स्वास्थ्य विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, सामान्य प्रशासन, अनुसूचित-जाति एवं जनजाति विभाग, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग और सहकारिता एवं श्रम विभाग के प्रमुख सचिव/अपर प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी ऑनलाइन सम्मिलित होंगे. एनआईसी के माध्यम से प्रशासनिक अधिकारी एवं जोनल, जिला एवं थाना स्तर तक के पुलिस अधिकारी भी शामिल होंगे.