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तुलसी सिलावट ने पूर्व की कमलनाथ सरकार पर बोला हमला, बताई कांग्रेस छोड़ने की वजह

मध्य प्रदेश में उपचुनाव को लेकर सियासी कवायद तेज है. आने वाले दिनों में सांवेर क्षेत्र समेत विधानसभा की 24 खाली सीटों पर उपचुनाव होने हैं.

Updated on: 04 Jun 2020, 02:14 PM

भोपाल:

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में उपचुनाव को लेकर सियासी कवायद तेज है. आने वाले दिनों में सांवेर क्षेत्र समेत विधानसभा की 24 खाली सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इनमें से 22 सीटें कांग्रेस के बागी विधायकों के पाला बदलकर इस्तीफा देने से खाली हुईं. कांग्रेस से इस्तीफा देने वालों में ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेहद करीबी तुलसी सिलावट भी शामिल हैं. मौजूद समय में तुलसी सिलावट (Tulsi Silavat) मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री हैं. बीजेपी में आने के बाद तुलसी सिलावट ने पूर्व की कमलनाथ सरकार पर हमला बोला है.

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न्यूज स्टेट से बातचीत में तुलसी सिलावट ने आरोप लगाते हुए कहा, 'पिछली सरकार ने प्रदेश की जनता से किए वादे पूरे नहीं किए. जब हमारे नेता (ज्योतिरादित्य सिंधिया) ने मुद्दा उठाया तो कमलनाथ ने कहा कि सड़क पर आ जाओ तो हम आ गए सड़क पर और सरकार को भी सड़क पर ले आए.' तुलसी सिलावट ने कहा कि उनके पास सरकार में कई अहम विभाग थे, लेकिन जनता के साथ कांग्रेस ने धोखा किया, इसलिए उन्होंने पार्टी को छोड़ दिया. यही नहीं अब तुलसी सिलावट मोदी की नीतियों का गुणगान कर रहे हैं. कह रहे हैं कि सांवेर में बीजेपी का संगठन चुनाव लड़ेगा.

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तुलसी सिलावट ने कांग्रेस पर एक बार फिर तंज कसा और कहा कि कांग्रेस में व्यक्ति विशेष चुनाव लड़ता है, जबकि बीजेपी में संगठन. सांवेर चुनाव में बीजेपी से कांग्रेस में आए प्रेमचंद गुड्डू की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए सिलावट ने कहा कि कोई उनसे पूछे कि वह पहले क्यों बीजेपी में गए थे और अब बीजेपी से क्यों कांग्रेस में आ रहे हैं. बता दें कि यह वही तुलसी सिलावट हैं, जिनकी राजनीति की शुरुआत कांग्रेस से हुई और करीब चार दशक का सफर वह कांग्रेस के साथ अपनी राजनीति बिता चुके हैं.

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आपको ज्ञात होगा कि तुलसी सिलावट उन 22 बागी कांग्रेस विधायकों में शामिल थे, जो विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद मार्च में भाजपा में आए, जिससे कमलनाथ की 15 महीने की सरकार अल्पमत में आ गई थी और उन्होंने मुख्यमंत्री के पद से 20 मार्च को इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद मार्च को शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी नीत सरकार सत्ता में आई.

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