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मध्य प्रदेश में शराब माफियाओं की खैर नहीं, फांसी का होगा प्रावधान

इस प्रस्ताव में अधिकतम 10 साल की सजा को आजीवन कारावास में बदलने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही 50 लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान दिया गया है.

Updated on: 03 Aug 2021, 02:38 PM

नई दिल्ली :

मध्य प्रदेश में जहरीली शराब बेचने वालों की खैर नहीं है. अब यहां जहरीली शराब बेचने वालों को आजीवन कारावास की सजा होगी या फिर मृत्युदंड की. अवैध और जहरीली शराब से लोगों की जान जाने के मामलों को देखते हुए अब शिवराज सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं. यहां अवैध शराब पर रोक के लिए कठोर कानून लाने का प्रस्ताव पेश हुआ है. जिसे कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. इस प्रस्ताव में अधिकतम 10 साल की सजा को आजीवन कारावास में बदलने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही 50 लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान दिया गया है. नौ अगस्त से शुरू हो रहे मानसून सत्र में संशोधन विधेयक को प्रस्तुत किया जाएगा. 

सोमवार को मुख्यमंत्री चौहान ने अवैध शराब और कानून-व्यवस्था की समीक्षा करते हुए आरोपियों को कठोरतम दंड दिए जाने पर जोर देते हुए कहा कि तात्कालिक रूप से अवैध शराब के कारोबार में संलग्न व्यक्तियों पर कठोरतम कार्यवाही की जाए. इसमें विलम्ब बर्दाश्त नहीं होगा. पड़ोसी राज्यों से लाई जा रही अवैध शराब को रोकने के लिए सघन रूप से हर संभव प्रयास किए जाएं. इसके लिए संबंधित राज्यों से बातचीत करें.

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मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिये कि डिस्टलरी से निकलने वाले ओ.पी. अल्कोहल के टैंकरों का शत-प्रतिशत आवागमन ई-लॉक सिस्टम के साथ हो. प्रदेश की कोई भी डिस्टलरी यदि ओ.पी. अल्कोहल के अवैध परिवहन में लिप्त पाई जाती है तो उसे तत्काल बंद किया जाए.

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अवैध शराब के कारोबार की जड़ों तक पहुंचने के लिए विशेष टीम गठित कर जांच आरंभ की जाए. इसे प्रदेश से पूरी तरह से समाप्त किया जाए. बैठक में जानकारी दी गई कि शराब की बोतलों पर लगने वाले होलोग्राम की कापी नहीं हो और इसका दुरुपयोग न हो, इसके लिए सिक्यूरिटी प्रिंटिंग कापोर्रेशन ऑफ इंडिया से क्यूआर कोड और ट्रैक एण्ड ट्रेस की व्यवस्था के साथ होलोग्राम बनवाये जाएंगे. इसमें बीस से पच्चीस सिक्यूरिटी फीचर्स होंगे.

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गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बार में भी अवैध और अमानक शराब की चेकिंग की व्यवस्था की आवश्यकता बताई. ज्ञात हो कि बीते कुछ दिनों में अवैध शराब बिक्री और जहरीली शराब के कई मामले सामने आ चुके हैं. इनमें कई लोगों की जानें भी गई हैं. विपक्ष इन घटनाओं को लेकर सरकार पर हमला बोल रहा है तो सरकार का रवैया सख्त हो रहा है.