इंदौर: तेलंगाना के परिवार ने पाक से लौटी गीता को बताया अपनी बेटी, कहा- DNA टेस्ट कराने की करेंगे मांग
पाकिस्तान से लौटी मूक-बधिर गीता सालों से अपने परिवार की तलाश कर रही हैं. लेकिन अब तक उसे अपना परिवार और माता-पिता नहीं मिले. शुक्रवार को तेलंगाना से आए एक परिवार ने दावा करते हुए अपनी बेटी बताया है.
इंदौर:
पाकिस्तान से लौटी मूक-बधिर गीता सालों से अपने परिवार की तलाश कर रही हैं. लेकिन अब तक उसे अपना परिवार और माता-पिता नहीं मिले. शुक्रवार को तेलंगाना से आए एक परिवार ने दावा करते हुए अपनी बेटी बताया है. तेलंगाना से इंदौर आए बोल्ली स्वामी ने डीआईजी ऑफिस में गीता से मुलाकात की. करीब एक घंटे के मुलाकात के बाद गीता ने उन्हें अपने पिता मानने से मना इंकार कर दिया. गीता ने कहा कि उसे अपने पिता का चेहरा याद है. हालांकि बोल्ली स्वामी गीता के मना करने के बाद भी खुद को उसका पिता बता रहे हैं.
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के जरीए उन्हें गीता के बारे में पता चला. गीता हमारी ही बेटी है लेकिन वो हमें अब पहचान नहीं पा रही है. उन्होंने कहा कि वो सरकार से डीएनए टेस्ट कराने की मांग करेगें.
और पढ़ें: अब्दुल्ला ने सरकार पर लगाया आरोप, यहां चुनाव लड़ने वालों को किया जा रहा परेशान
मूक-बधिर युवती के मुताबिक उसके पैतृक गांव में गन्ना, चावल और मू्ंगफली की खेती होती है. वह तेलुगु फिल्मों के मशहूर नायक महेश बाबू की जबर्दस्त प्रशंसक है और इशारों की जुबान में उसका कहना है कि उसके घर में इडली-डोसा जैसे दक्षिण भारतीय व्यंजन पकते थे. बचपन की धुंधली यादों के आधार पर उसका यह भी कहना है कि उसके गांव के पास एक रेलवे स्टेशन था और गांव में नदी के तट के पास देवी का मंदिर था.
अधिकारियों ने बताया कि गुजरे पांच साल में देश के अलग-अलग इलाकों के करीब 20 परिवार गीता को अपनी लापता बेटी बता चुके हैं. लेकिन सरकार की जांच में इनमें से किसी भी परिवार का मूक-बधिर युवती पर दावा साबित नहीं हो सका है. उन्होंने बताया कि फिलहाल गीता की उम्र 30 साल के आस-पास आंकी जाती है. वह बचपन में गलती से रेल में सवार होकर सीमा लांघने के कारण करीब 20 साल पहले पाकिस्तान पहुंच गयी थी.
पाकिस्तानी रेंजर्स ने गीता को लाहौर रेलवे स्टेशन पर समझौता एक्सप्रेस में अकेले बैठा हुआ पाया था. उस समय उसकी उम्र आठ साल के आस-पास रही होगी. मूक-बधिर लड़की को पाकिस्तान की सामाजिक संस्था ईधी फाउंडेशन की बिलकिस ईधी ने गोद लिया और अपने साथ कराची में रखा था.
तत्कालीन विदेश मंत्री दिवंगत सुषमा स्वराज के विशेष प्रयासों के कारण वह 26 अक्टूबर 2015 को स्वदेश लौट सकी थी. इसके अगले ही दिन उसे इंदौर में एक गैर सरकारी संस्था के आवासीय परिसर भेज दिया गया था.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती पर गलती से भी न करें ये काम, बजरंगबली हो जाएंगे नाराज
-
Vastu Tips For Office Desk: ऑफिस डेस्क पर शीशा रखना शुभ या अशुभ, जानें यहां
-
Aaj Ka Panchang 20 April 2024: क्या है 20 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह