उत्तर प्रदेश की तर्ज पर मध्य प्रदेश सरकार भी राज्य के बड़े शहरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करेगी. पहले राज्य की राजधानी भोपाल और इंदौर में यह प्रणाली लागू होगी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार सुबह यह घोषणा की. मुख्यमंत्री ने बताया कि दोनों शहरों की बढ़ती जनसंख्या और भौगोलिक विस्तार को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया है. शिवराज ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति अच्छी है. भोपाल और इंदौर में जनसंख्या की बढोतरी और भौगोलिक विस्तार के साथ तकनीक के कारण कानून व्यवस्था की नई चुनौतियां पैदा हुई हैं. इनसे निबटने के लिए यह निर्णय लिया गया है. इससे कानून-व्यवस्था को और बेहतर बनाना संभव होगा.
इधर, सीएम की घोषणा के साथ ही कांग्रेस ने इस पर तंज कसा है. पार्टी प्रवक्ता नरेंद्र सिंह सलूजा ने कहा है कि इंदौर-भोपाल में पुलिस कमिश्नर प्रणाली की घोषणा कोई नई नहीं है. यह घोषणा भी शिवराज की 22 हज़ार कभी नहीं पूरी हुई घोषणाओं में से एक है. 10 वर्ष पहले भी शिवराज ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के जवाब में यह घोषणा की थी.
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सलूजा ने लिखा कि इसे लागू नहीं किया जा सका तो दिसंबर, 2009 में एसएसपी सिस्टम भी लागू किया था. यह फेल रहा तो 18 दिसंबर 2012 को डीआईजी सिस्टम लागू कर दिया गया. सलूजा ने यह भी कहा है कि इस घोषणा के जरिए सरकार का मकसद केवल आईएएस और आईपीएस लॉबी को आमने- सामने करना है.