मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले के रानी बड़ौद थाना अकोदिया में बेटी पर अत्याचार कि अमानवीय तस्वीर सामने आई है. आग में बुरी तरह झुलसी बेटी को माता-पिता इलाज कराने की बजाय 22 दिन तक घर में बंद रखा. उसका इलाज घर में ही हो रहा था, जिसकी वजह से लड़की के अंग सड़ने लगे थे. जैसे ही बदबू फैलने लगी पड़ोसियों को इसकी भनक लगी.
पड़ोसियों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. अकोदिया टीआई ने इस दिशा में मानवता की मिसाल पेश करते हुए आर्थिक मदद की और पीड़ित लड़की को इलाज के लिए भोपाल भेजा गया. जहां उसका इलाज चल रहा है. हालांकि उसकी हालत बेहद ही नाजुक बताई जा रही है.
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10 साल की लड़की 26 नवंबर को जल गई थी. उसका इलाज घर पर किया जा रहा था. जिसकी वजह से उसके अंग खराब होने शुरू हो गए थे. बच्ची के शरीर से दूर्गंध निकलने लगे थे.
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इस मामले को लेकर टीआईएचएसएस ने कहा कि बच्ची के माता-पिता पर भी कार्रवाई करने का निवेदन किया गया है. ताकि आगे से इस तरह का काम ना करें. बच्ची के माता पिता इलाज कराने में सक्षम हैं. जानकारी की मानें तो उनके पास 15 बीघा जमीन है. बावजूद इसके बच्ची को अस्पताल ले जाने के उसका इलाज घर में कर रहे थे.
Source : News Nation Bureau