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एमपी में घटिया चावल बांटने पर एक निलंबित

मुख्यमंत्री चौहान ने बालाघाट एवं मंडला जिलों के चावल की गुणवत्ता जांच के कार्य के लिए जिम्मेदार गुणवत्ता नियंत्रकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं. बालाघाट के जिला प्रबंधक को निलंबित कर दिया गया है.

Updated on: 03 Sep 2020, 02:18 PM

भोपाल:

मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिलों बालाघाट और मंडला की राशन दुकानों से कोरोना काल में घटिया चावल (जानवरों के खाने लायक) बांटे जाने का खुलासा होने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुणवत्ता नियंत्रकों की सेवाएं सामाप्त कर दी हैं. वहीं बालाघाट के जिला प्रबंधक को निलंबित कर दिया है. पिछले दिनों मंडला और बालाघाट जिले की गोदाम और राशन दुकानों से 32 नमूने लिए गए थे और जांच में पाया गया था. यह चावल गुणवत्ता विहीन होने के साथ इंसानों के खाने लायक नहीं है.

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इस मामले के खुालासे के बाद मुख्यमंत्री चौहान ने बालाघाट एवं मंडला जिलों के चावल की गुणवत्ता जांच के कार्य के लिए जिम्मेदार गुणवत्ता नियंत्रकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं. बालाघाट के जिला प्रबंधक को निलंबित कर दिया गया है. संबंधित मिलर्स के खिलाफ एफ आईआर दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.

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आधिकारिक जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री चौहान ने बालाघाट एवं मंडला जिलों में कुछ स्थानों पर गुणवत्ता विहीन चावल प्रदाय के प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. राशन और खाद की गड़बड़ी या कालाबाजारी करने वालों को बिल्कुल नहीं बख्शा जाएगा.