logo-image

पन्ना के हीरा खदान को चालू रखने को एमपी सरकार हुई राजी

देश और दुनिया में हीरा के कारण विशेष पहचान रखने वाले मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में स्थिति एनएमडीसी की खदान इन दिनों बंद चल रही है, क्योंकि राज्य के वन्य प्राणी बोर्ड की अनुमति नहीं मिली है.

Updated on: 15 Jan 2021, 10:20 AM

भोपाल/पन्ना:

देश और दुनिया में हीरा के कारण विशेष पहचान रखने वाले मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में स्थिति एनएमडीसी की खदान इन दिनों बंद चल रही है, क्योंकि राज्य के वन्य प्राणी बोर्ड की अनुमति नहीं मिली है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक में खदान को चालू रखने पर सहमति बनी. ज्ञात हो कि पन्ना में संचालित एनएमडीसी की हीरा खदान की वन्य प्राणी बोर्ड की अनुमति 31 दिसंबर को समाप्त हो गई थी, जिसके चलते खदान को बंद कर दिया गया था. इस मामले को लेकर क्षेत्रीय सांसद विष्णु दत्त षर्मा की खनिज मंत्री ब्रजेंद्र प्रताप सिंह और मुख्यमंत्री चौहान से चर्चा हुई थी. इस पर मुख्यमंत्री चौहान ने कहा था कि खदान बंद नहीं होगी.

और पढ़ें: कांग्रेस नेता के बयान पर सिंधिया का तंज- सौ साल पुरानी पार्टी की पुरानी सोच

वन्य प्राणी बोर्ड की गुरुवार को हुई बैठक में पन्ना जिले में गंगऊ अभयारण्य में एनएमडीसी की 275 हेक्टेयर जमीन में हीरा खनन कार्य शुरू किए जाने के संबंध में बोर्ड के सदस्यों ने विचार-विमर्श किया. मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह सुनिश्चित करें कि हीरा खनन का कार्य बंद न हो, साथ ही विकास भी हो और वन्य प्राणी संरक्षण भी हो. दोनों में संतुलन आवश्यक है.

सूत्रों का कहना है कि एनएमडीसी प्रबंधन और स्थानीय कर्मचारी लगातार वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक बुलाकर खदान को अनुमति देने की मांग लंबे अरसे से करते आ रहे थे, मगर बोर्ड की बैठक नहीं होने के कारण खदान को चालू रखने की अनुमति ही नहीं मिल पाई. नतीजतन, खदान को चालू रखने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर भी गुजर गई और उसे बंद करना पड़ा. अब बोर्ड ने सहमति जताई है, यह सहमति केंद्र सरकार को जाएगी और उसकी अनुमति मिलने के बाद ही खदान को फिर चालू किया जा सकेगा.