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देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर का एक और कारनामा, कार्बन क्रेडिट बेचकर कमाए 50 लाख रुपये

देश के सबसे स्वच्छ शहरों में पहले स्थान पर मौजूद इंदौर ने एक बार फिर देश के नक्शे में अपनी एक अलग पहचान छोड़ी है. दरअसल इस बार कार्बन क्रेडिट को लेकर इंदौर देश के अग्रणी शहरों में मिसाल पेश कर रहा है.

Updated on: 27 Nov 2020, 02:13 PM

इंदौर:

देश के सबसे स्वच्छ शहरों में पहले स्थान पर मौजूद इंदौर ने एक बार फिर देश के नक्शे में अपनी एक अलग पहचान छोड़ी है. दरअसल इस बार कार्बन क्रेडिट को लेकर इंदौर देश के अग्रणी शहरों में मिसाल पेश कर रहा है. दरअसल इंदौर की आईएएस अदिति गर्ग को इस बात का क्रेडिट दिया जा रहा है कि उन्होंने इंदौर से कार्बन क्रेडिट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ना सिर्फ बेचा, बल्कि उससे 50 लाख की आय भी अर्जित की है. जिसके चलते वह देश की पहली ऐसी आईएएस बन चुकी है. जिन्होंने कार्बन क्रेडिट के माध्यम से 50 लाख रुपये की आय अर्जित की है.

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आईएएस अदिति गर्ग की मानें तो गीले कचरे से निकलने वाली मीथेन गैस में सामान्य से 24 गुना ज्यादा कार्बन कंपोनेंट होते हैं. जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है. इंदौर में प्लांट लगने से जो प्रदूषण फैल रहा था, वह कम हुआ. अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से इसकी गणना के बाद शहर को कार्बन क्रेडिट मिला है. ईकेआई ने कई महीने पहले इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया था. जिसकी रिपोर्ट स्पेन की एप्पलुएस ने यूएस की वीसीएस संस्था को सबमिट की थी. बताया जा रहा है कि ईकेआई से थर्ड पार्टी ऑडिट कराया गया है. जिसने माना है कि इंदौर ने 2017 से 2019 तक 1.70 लाख टन कार्बन डाईऑक्साइड को वातावरण में घुलने से रोका है.

आईएएस अदिति गर्ग का मानना है कि कार्बन क्रेडिट को लेकर इंदौर के सामने भी कई चुनौतियां थी, लेकिन उन चुनौतियों को हमने पूरा कर दिखाया है और अब देश के दूसरे शहर हमसे कार्बन क्रेडिट को लेकर सीखने की मांग कर रहे हैं. जिसे अंतरराष्ट्रीय मापदंडों के मुताबिक तैयार किया जा सके और उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेचा जा सके.

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कार्बन क्रेडिट को तैयार कर अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचने के साथ इंदौर ने यह साबित कर दिया है कि वह ना सिर्फ पर्यावरण का संरक्षण करेगा, बल्कि कार्बन क्रेडिट के माध्यम से आने वाले दिनों में करोड़ों रुपए की आय भी अर्जित करेगा. यही नहीं इंदौर कार्बन क्रेडिट को लेकर अब देश को सिखाएगा एक कैसे पर्यावरण की रक्षा की जा सकती है और कार्बन क्रेडिट को अंतरराष्ट्रीय मापदंड के लिहाज से तैयार कर कमाई भी की जा सकती है.