उत्तर प्रदेश की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी सरकार शहरों, गांवों और इलाकों के इस्लामिक नाम बदलने की रणनीति पर तेजी से जुट गई है. इसकी शुरुआत पुराने सीएम शिवराज सिंह चौहान ने की, लेकिन अब वर्तमान सीएम मोहन यादव उनसे आगे निकलते दिख रहे हैं. कुछ दिन पहले ही सीएम ने अपने गृह नगर उज्जैन में तीन गांवो के नाम बदले.. तो वहीं रविवार को एक साथ 11 इस्लामिक नाम वाले गांव के नाम बदल डाले. इधर इसको लेकर अब सियासत भी शुरू हो गई है.
उज्जैन जिले के तीन गांव के नाम बदल डाले
मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने उज्जैन जिले के तीन गांव के नाम बदल डाले. गजनी खेड़ी गांव का नाम मां चामुंडा नगरी कर दिया. जहांगीरपुर का नाम बदलकर जगदीशपुर कर दिया और मौलाना गांव का नाम बदलकर विक्रम नगर कर दिया. धर्म गुरुओं और संगठनों का समर्थन मिलने के बाद रविवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शाजापुर के 11 इस्लामिक नाम वाले गांव के नाम एक साथ बदलकर एक नया रिकॉर्ड ही बना डाला. मुख्यमंत्री मोहन यादव के अनुसार, अब गांव और शहरों के नाम जनभावनाओं के अनुरूप ही होंगे.
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इस्लामिक नाम बदलने की मांग कर रहे हों
अब हिंदूवादी संगठन भले ही और जगह के इस्लामिक नाम बदलने की मांग कर रहे हों, दूसरी तरफ इस मामले में सियासत भी शुरू हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का कहना है कि बीजेपी के पास कोई ईशू नहीं है जो नाम बदल रहे है. हमको न पंडित लिखने में एतराज है न मौलाना न फादर. दिग्गी के बयान पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पलटवार किया. वीडी शर्मा का कहना है कि कांग्रेस ने हमेशा हिन्दूओं का विरोध किया है और मौलानाओं की कभी आलोचना नहीं की है. कांग्रेस तुष्टीकरण की राजनिती करती है. बहरहाल, नाम बदलने की गाड़ी भले ही शिवराज सरकार में चालू हुई हो लेकिन मोहन सरकार में उसने रफ्तार पकड़ ली है और ये सिलसिला शायद आगे भी जारी रहे.