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एमपी: रीवा के सौर ऊर्जा संयंत्र से दिल्ली मेट्रो को मिलेगी बिजली

मध्य प्रदेश के रीवा जिले में स्थापित एशिया के सबसे बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र 'रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर प्रोजेक्ट' की 24 फीसदी बिजली दिल्ली मेट्रो को मिलेगी. इस संयंत्र का 10 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राष्ट्र को समर्पि

Updated on: 08 Jul 2020, 05:09 PM

रीवा:

मध्य प्रदेश के रीवा जिले में स्थापित एशिया के सबसे बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र 'रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर प्रोजेक्ट' की 24 फीसदी बिजली दिल्ली मेट्रो को मिलेगी. इस संयंत्र का 10 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राष्ट्र को समर्पित करेंगे. रीवा जिले के गुढ़ में स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्र 'रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर प्लांट' लगभग 1590 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है. इसमें जनवरी 2020 से पूरी क्षमता में बिजली का उत्पादन प्रारंभ हो गया.

इस प्लांट की तीन यूनिट हैं, जिनमें 250 मेगावाट प्रति यूनिट विद्युत उत्पादन अर्थात प्रतिदिन कुल 750 मेगावाट विद्युत उत्पादन होता है. इस संयंत्र में उत्पादित होने वाली बिजली में से 76 फीसदी बिजली मध्य प्रदेश को तथा 24 प्रतिश्त बिजली दिल्ली मेट्रो को मिलेगी.

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ऊर्जा विभाग की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया है कि इस परियोजना के लिए रीवा जिले की गुढ़ तहसील में 1270.13 हेक्टेयर शासकीय राजस्व भूमि एवं 335़ 7 हेक्टेयर निजी भूमि उपलब्ध कराई गई है. इस परियोजना का क्रियान्वयन मध्य प्रदेश शासन के ऊर्जा विकास निगम तथा भारत सरकार की संस्था सोलर एनर्जी कार्पोरेशन आफ इंडिया की संयुक्त वेंचर कंपनी रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है. परियोजना की कुल लागत 4500 करोड़ रुपये है. यह देश का एकमात्र सोलर पार्क है.

इस संयंत्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्र को समर्पित करेंगे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों के साथ इस कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की.

बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस सहित अन्य अधिकारियों ने तैयारियों का ब्यौरा दिया. बताया गया कि कार्यक्रम में राज्य की प्रभारी राज्यपाल आनंदी बेन पटेल लखनऊ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से शामिल होंगी.

तय कार्यक्रम के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संयंत्र को जनता को समर्पित करेंगे. इसके पश्चात उनका भाषण होगा. कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक आदि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ेंगे. कार्यक्रम को वेब लिंक, फेसबुक लाइव के माध्यम से लगभग एक करोड़ व्यक्तियों द्वारा देखे जाने की संभावना है.