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उपचुनाव से पहले एमपी में चढ़ा सियासी पारा, ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमलावर हुए दिग्विजय सिंह

मध्य प्रदेश में उपचुनाव होने वाले हैं लेकिन उससे पहले ही प्रदेश में सियासी घमासान मचा हुआ हैं. बीजेपी-कांग्रेस एक-दूसरे पर लगातार हमला कर रही हैं. एक तरफ जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस पर निशाना साध रही हैं.

Updated on: 24 Aug 2020, 08:50 AM

भोपाल:

मध्य प्रदेश में उपचुनाव होने वाले हैं लेकिन उससे पहले ही प्रदेश में सियासी घमासान मचा हुआ हैं.  बीजेपी-कांग्रेस एक-दूसरे पर लगातार हमला कर रही हैं. एक तरफ जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस पर निशाना साध रही हैं. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी सिंधिया पर हमलावर हो रहे हैं. रविवार को दिग्विजय ने बीजेपी नेता सिंधिया को लेकर कई बयान दिए जिसमें सीधे तौर पर उनपर हमला किया जा रहा था. 

दिग्विजय सिंह ने बीजेपी नेता पर निशाना साधते हुए कहा कि लोग कहते थे कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के चले जाने के पर ग्वालियर-चंबल संभाग चुनावी क्षेत्र में कांग्रेस खत्म हो जाएगी. लेकिन मैं कहता हूं कि उनके जाने के बाद से कांग्रेस फिर से पुनर्जीवित हो गई हैं.

उन्होंने ये भी कहा कि मैंने कभी उम्मीद नहीं कि थी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया, जिन्हें कांग्रेस पार्टी न सब कुछ दिया, जो राहुल, प्रियंका और सोनिया गांधी के सबसे करीबी लोगों में से एक थे, जो कार्य समिति के सदस्य थे, वो पार्टी छोड़ देंगे और चले जाएंगे. 

वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को कहा कि दिसंबर 2018 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस नीत सरकार आने पर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने मुझे मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री का पद देने का प्रस्ताव किया था लेकिन जनता की भलाई के लिए मैंने इसे ठुकरा दिया था. सिंधिया ने कहा कि तभी मुझे अंदाजा हो गया था कि 15 महीने में ही कमलनाथ के नेतृत्च वाली प्रदेश की कांग्रेस सरकार का बंटाधार हो जाएगा और ऐसा हुआ भी. 

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गौरतलब है कि राज्य में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में अब तक 24 तत्कालीन विधायक शामिल हो चुके हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री सिंधिया के साथ 22 तत्कालीन विधायकों ने एक साथ सदस्यता से इस्तीफा दिया था और बीजेपी में शामिल हो गए थे, जिससे कांग्रेस की सरकार गिर गई थी.