राहुल गांधी के आरएसएस पर बयान के खिलाफ बीजेपी पहुंची थाने
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने महिला कांग्रेस के 38 वें स्थापना दिवस पर आरएसएस व भाजपा को लेकर जो भी कहा वह पूरी तरह से सच है.
highlights
- नरोत्तम मिश्रा ने राहुल गांधी को इच्छाधारी हिंदू बताया
- अरेरा हिल्स में राहुल के खिलाफ पुलिस को दिया पत्र
- राहुल ने आरएसएस पर महिलाओं को दबाने का लगाया आरोप
भोपाल:
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के एक बयान ने सियासी बवंडर ला दिया है. भाजपा जहां राहुल गांधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने थाने तक पहुंच गईं, वहीं कांग्रेस ने भाजपा पर जनता का ध्यान मुद्दों से भटकाने का आरोप लगाया है. राहुल गांधी ने पिछले दिनों भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को लेकर बयान दिया था. उनके इस बयान पर राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि राहुल गांधी इच्छाधारी हिंदू हैं, वे सुविधा के अनुसार टोपी पहनते और टीका लगाते हैं. धार्मिक पर्यटन पर जाते हैं और धार्मिक पर्यटन पर जाने के बाद इस तरह की बात करते हैं. आरएसएस को लेकर दिए गए बयान पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कानूनी विशेषज्ञों से राय लूंगा.
महिलाओं को दबाने का आरोप लगाया था राहुल ने
एक तरफ जहां राज्य के गृहमंत्री प्राथमिकी दर्ज करने के लिए विशेषज्ञों की राय लेने की बात कह रहे हैं तो दूसरी ओर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने गुरुवार को राहुल गांधी के खिलाफ अरेरा हिल्स थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पुलिस को शिकायत पत्र सौंपते हुए कहा शर्मा कि हिंदुस्तान की जनता हिंदू देवी-देवताओं का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी. राहुल गांधी को देश से माफी मांगनी होगी. भाजपा के हमलों के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा का कहना है कि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने महिला कांग्रेस के 38 वें स्थापना दिवस पर आरएसएस व भाजपा को लेकर जो भी कहा वह पूरी तरह से सच है. भाजपा सिर्फ वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने व एनसीआरबी के आये ताजा आंकड़ों से ध्यान भटकाने के लिए उनके बयान को मुद्दा बना रही है.
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एमपी कांग्रेस अभी भी राहुल के बयान पर कायम
सलूजा ने बताया कि राहुल गांधी ने ठीक ही कहा है कि भाजपा और आरएसएस महिला शक्ति को दबाते हैं, भय और डर का माहौल पैदा करते हैं. इनके संगठन में महिलाओं के लिए कोई स्थान नहीं. यह धर्म का उपयोग सिर्फ अपने राजनीतिक फायदे के लिए करते हैं, इनसे किसान, महिलाएं सब डरे हुए हैं. हमारी और इनकी विचारधारा अलग-अलग है. हमारी विचारधारा गांधी जी की अहिंसा की है और इनकी विचारधारा सावरकर और गोडसे की है. हम इनकी विचारधारा से समझौता नहीं कर सकते. हमें इनकी विचारधारा से प्रेम से लड़ना होगा नफरत से नहीं.
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