MP ATS पर लगा हत्या का गंभीर आरोप, हिरासत में बिहार के युवक की गई थी जान

MP ATS: मध्य प्रदेश की एटीएस टीम पर गंभीर आरोप लगे हैं. बताया जा रहा है कि टीम की कस्टडी में एक बिहार के युवक की जान चली गई थी. ऐसे में अब परिजनों ने ऐटीएस पर ही हत्या का आरोप लगाया है.

MP ATS: मध्य प्रदेश की एटीएस टीम पर गंभीर आरोप लगे हैं. बताया जा रहा है कि टीम की कस्टडी में एक बिहार के युवक की जान चली गई थी. ऐसे में अब परिजनों ने ऐटीएस पर ही हत्या का आरोप लगाया है.

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Yashodhan.Sharma
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MP ATS case

MP ATS case Photograph: (social)

MP News: मध्य प्रदेश की एटीएस की हिरासत में आरोपी हिमांशु की मौत मामले में एक नया ट्विस्ट सामने आया है. मृतक के परिवार वालों का आरोप है कि ये हादसा नहीं बल्कि हत्या है. उन्होंने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि युवक खुद नहीं कूदा बल्कि उसे जबरन धकेला गया है. परिजनों का कहना है कि एटीएस ने युवक को जानबूझकर मौत के मुंह में धकेला. इस मामले में परिजनों ने स्थानीय पुलिस से उचित कार्रवाई की मांग की है, हालांकि अब तक उन्होंने इस घटना को लेकर कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है.

मृतक की पहचान

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मिली जानकारी के अनुसार मृतक की पहचान बिहार के मधेपुरा निवासी हिमांशु के तौर पर हुई है. हिमांशु और उसके पांच अन्य साथी आरोपियों को साइबर क्राइम के एक मामले में एटीएस मध्य प्रदेश ने धुनेला के पास एक सोसायटी से हिरासत में लिया था. इसके बाद, इन सभी आरोपियों को गुरुग्राम में एक होटल के तीसरी मंजिल के कमरे में रखा गया था, जहां से एटीएस टीम उनसे पूछताछ कर रही थी. पुलिस के मुताबिक, पूछताछ के दौरान हिमांशु ने टॉयलेट जाने का बहाना बनाया और जैसे ही उसे टॉयलेट भेजा गया, उसने होटल की तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी. गंभीर रूप से घायल हिमांशु को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

परिजनों को है हत्या का शक

इस घटना को लेकर हिमांशु के चाचा दीपक पाठक ने आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि उनके भतीजे की जानबूझकर जान ली है. उन्होंने आरोप लगाया कि हिमांशु को सनियोजित तरीके से मारा है, उसकी होटल की तीसरी मंजिल से धकेलकर हत्या की है. दीपक पाठक ने यह भी सवाल उठाया कि आरोपियों को होटल में क्यों रखा गया, जबकि शहर का पुलिस थाना होटल से मात्र 100 गज की दूरी पर स्थित था. उनका कहना था कि आरोपियों को पुलिस थाने में रखा जा सकता था, बावजूद उन्हें होटल में क्यों रखा गया?

दीपक पाठक ने स्थानीय पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन सोहना पुलिस को इस घटना की जानकारी नहीं दी गई थी. इसके अलावा, उनका आरोप है कि पुलिस ने जानबूझकर आरोपियों को होटल में रखा और उनके खिलाफ कार्रवाई को टाल दिया. यह संदिग्ध स्थिति और परिजनों का गहरा संदेह इस मामले को और भी जटिल बना रहा है.

क्या कहती है पीएम रिपोर्ट

इधर, गुरुग्राम में मेडिकल बोर्ड की टीम ने मृतक के शव का पोस्टमार्टम किया गया. हालांकि, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौते के पीछे की वजह का स्पष्ट उल्लेख नहीं है, लेकिन इस घटना को लेकर परिजनों का आरोप है कि युवक को धक्का देकर मारा गया. पुलिस अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है और मृतक के परिजनों से पूछताछ में जुटी है. हालांकि, फिलहाल पुलिस ने इस मामले में कोई औपचारिक टिप्पणी नहीं की है और न ही किसी पर कोई आरोप लगाया है.

अन्य आरोपियों से नहीं मिलने दे रहे

परिजनों ने आरोप लगाते हुए आगे बताया कि उन्हें एटीएस की ओर से गिरफ्तार अन्य आरोपियों से भी मिलने नहीं दिया जा रहा. हिमांशु के चाचा दीपक अन्य आरोपियों से मिलने की गुहार लगा रहे हैं. लेकिन पुलिस उनसे मिलने नहीं दे रही. ऐसे में मध्य प्रदेश एटीएस की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है. इस पूरे मामले को लेकर सोहना में मौजूद एटीएस अधिकारियों से बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने बात करने से साफ मना कर दिया. 

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