Morena: मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में वन विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में एक बड़ी तस्करी का भंडाफोड़ हुआ है. लुप्तप्राय प्रजातियों में शामिल 30 घड़ियाल और 3 कछुओं की तस्करी करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. यह कार्रवाई शनिवार को जौरा कस्बे में की गई.
बरामद किए 30 घड़ियाल और 3 कछुए
वन विभाग के डिप्टी रेंजर विनोद उपाध्याय ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि एक सफेद कार में पान मसाले के डिब्बों में घड़ियाल और कछुओं के बच्चे छुपाकर तस्करी की जा रही है. सूचना के आधार पर पुलिस और वन विभाग की टीम ने जौरा क्षेत्र में नाका लगाकर वाहन को रोका. तलाशी लेने पर कार से 30 घड़ियाल और तीन कछुए बरामद किए गए.
चंबल से पकड़कर कर रहे थे तस्करी
जांच में सामने आया है कि इन सभी चूजों को चंबल नदी के बटेश्वर घाट से पकड़ा गया था. घड़ियाल और कछुए भारत में संरक्षित प्रजातियों में आते हैं और इनकी तस्करी पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. ये जीव जैव विविधता और नदी के पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बेहद जरूरी माने जाते हैं.
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज
एसडीओपी नितिन एस. बघेल ने मीडिया को बताया कि तीनों आरोपियों को हिरासत में लेकर उनके खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. आरोपियों से पूछताछ जारी है, जिससे यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस तस्करी के पीछे कौन सा गिरोह सक्रिय है और जीवों को कहां ले जाया जा रहा था.
घड़ियालों की घटती संख्या चिंता का विषय
विशेषज्ञों के मुताबिक, घड़ियाल दुनिया की सबसे लुप्तप्राय प्रजातियों में गिने जाते हैं. ये मुख्य रूप से भारत की कुछ ही नदियों में पाए जाते हैं, जिनमें चंबल एक प्रमुख स्रोत है. इनकी संख्या पहले ही चिंताजनक रूप से कम हो चुकी है. ऐसे में इनकी तस्करी पर्यावरणीय संतुलन के लिए गंभीर खतरा है.
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