'वो लाख मना करें, लेकिन दुनिया आज भी हमें हिंदू कहती है', मोहन भागवत ने दोहराया अखंड भारत का संकल्प

Mohan Bhagwat: मध्य प्रदेश में मोहन भागवत ने कहा कि हर नागरिक को कम से कम तीन भाषाएं आनी चाहिए जिसमें घर की भाषा, राज्य की भाषा और राष्ट्र की भाषा.

Mohan Bhagwat: मध्य प्रदेश में मोहन भागवत ने कहा कि हर नागरिक को कम से कम तीन भाषाएं आनी चाहिए जिसमें घर की भाषा, राज्य की भाषा और राष्ट्र की भाषा.

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Yashodhan.Sharma
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Mohan Bhagwat at satna

Mohan Bhagwat at satna Photograph: (Social)

Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को मध्य प्रदेश के सतना में आयोजित एक जनसभा में कहा कि भारत एक परिवार है और उसका हर हिस्सा उसी घर का अंग है. उन्होंने कहा कि इतिहास ने जब आंखें खोलीं, तब हमने उसे उन्नत स्वरूप में ही देखा, लेकिन उससे पहले हमारे ऋषि-मुनियों ने इस सत्य की खोज की और उसके आधार पर पूरे राष्ट्र का निर्माण किया.

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बीटीआई ग्राउंड में सभा का आयोजन

बीटीआई ग्राउंड में आयोजित सभा में भागवत ने अखंड भारत की भावना को दोहराते हुए कहा, 'हमारे बहुत से सिंधी भाई यहां मौजूद हैं. वे पाकिस्तान नहीं गए थे, बल्कि अविभाजित भारत में ही आए थे. यह बात नई पीढ़ी तक जानी चाहिए कि हमारा घर एक ही है. परिस्थितियों ने हमें अलग कर दिया, लेकिन वह घर और यह घर अलग नहीं हैं. पूरा भारतवर्ष एक घर है. हमारे घर का एक कमरा किसी ने हथिया लिया है, उसे हमें फिर से अपना बनाना है. इसलिए याद रखना है कि यह अविभाजित भारत है.'

दुनिया आज भी हमें हिंदू कहती है- भागवत

भागवत ने आगे कहा कि हमें तय करना होगा कि भाषा, भूषा, भजन, भवन, भ्रमण और भोजन, सब कुछ वैसा ही हो जैसा हमारी परंपरा में है. उन्होंने कहा कि जो लोग खुद को हिंदू नहीं मानते, वे भी जब विदेश जाते हैं तो वहां उन्हें 'हिंदू' या 'हिंदवी' कहा जाता है. 'वो लाख मना करें, लेकिन दुनिया आज भी हमें हिंदू कहती है. यह सत्य है और हमें इसे स्वीकार करना चाहिए'.

भाषा विवाद का भी किया जिक्र

भाषा विवाद पर बोलते हुए आरएसएस प्रमुख ने कहा कि भारत में भाषाएं अनेक हैं, लेकिन सबका भाव एक ही है. सभी भाषाएं एक ही मूल भाषा से निकली हैं और इसलिए सभी भारतीय भाषाएं राष्ट्रभाषा हैं. उन्होंने कहा कि हर नागरिक को कम से कम तीन भाषाएं आनी चाहिए जिसमें घर की भाषा, राज्य की भाषा और राष्ट्र की भाषा.

मेहर शाह दरबार की बिल्डिंग का किया उद्घाटन

कार्यक्रम के दौरान मोहन भागवत ने बाबा मेहर शाह दरबार की नव निर्मित बिल्डिंग का उद्घाटन भी किया. उन्होंने लोगों से एकता और सांस्कृतिक स्वाभिमान को मजबूत करने का आह्वान करते हुए कहा कि जब तक हम अपने इतिहास, परंपरा और भाषा के प्रति गर्व महसूस नहीं करेंगे, तब तक अखंड भारत का सपना अधूरा रहेगा.

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