logo-image

सरकार किसानों से वार्ता के लिए तैयार, शीघ्र होगा समाधान : तोमर

नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन पर तंज कसा है और कहा है कि यह आंदोलन सीमित क्षेत्र तक ही है.

Updated on: 08 Feb 2021, 07:46 AM

highlights

  • ग्वालियर में कृषि मंत्री ने जताई उम्मीद और विश्वास
  • सरकार जल्द करेगी किसानों से बातचीत, निकलेगा हल
  • कांग्रेस को फिर दिखाया आईना, बोलने का नहीं अधिकार

ग्वालियर:

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन पर तंज कसा है और कहा है कि यह आंदोलन सीमित क्षेत्र तक ही है. ग्वालियर पहुंचे तोमर ने संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि किसान आंदोलन (Farmers Agitation) चल रहा है लेकिन वह सीमित क्षेत्र का है, सरकार वार्ता के लिए तैयार है. मुझे लगता है कि उसका शीघ्र ही समाधान होगा. कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कांग्रेस को तो आरोप लगाने हैं. वैसे कांग्रेस को इस विषय में बोलने का कोई अधिकार नही है, क्योंकि कांग्रेस जब सरकार में रही तो किसानों के लिए कुछ किया नहीं. इस प्रकार के रिफॉर्म हों, इसकी कांग्रेस (Congress) भी समर्थक रही है. 2019 के चुनाव घोषणा पत्र में कांग्रेस ने इन बिलों का उल्लेख किया था कि जब वे सरकार में आएंगे तो यह काम करेंगे.

राज्यसभा में भी दिखाया था कांग्रेस को आईना
इसके पहले राज्य सभा में शुक्रवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने साफ कर दिया कि सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों को भड़काया जा रहा है. तोमर ने इस दौरान कांग्रेस के युवा सांसद दीपेंद्र हुड्डा पर भी भड़क उठे और उन्हें कृषि कानूनों पर अगली बार बहस करने से पहले पढ़कर आने की नसीहत दी. दरअसल, कृषि मंत्री तोमर सदन में कह रहे थे कि तीनों नए कृषि कानून किसानों की भलाई के लिए हैं और उन्हें गलत सूचना पर भड़काया जा रहा है. कृषि मंत्री ने कांट्रैक्ट फार्मिंग का उल्लेख करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के कांट्रैक्ट फार्मिंग में किसानों को राहत दी गई है कि वो कभी भी अनुबंध से बाहर निकल सकते हैं, जबकि पंजाब सरकार के कांट्रैक्ट फार्मिंग में अनुबंध तोड़ने पर किसानों पर जुर्माने और जेल भेजने की बात है. 

यह भी पढ़ेंः धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का राज्यसभा में जवाब देंगे पीएम मोदी

दीपेंद्र हुड्डा को दे डाली थी नसीहत
केंद्रीय मंत्री की इस बात पर दीपेंद्र हुड्डा ने बीच में ही उन्हें टोक दिया. इससे सदन काफी देर तक हल्ला होता रहा. उनमें और मंत्री के बीच बहस होती रही. हुड्डा ने कहा कि वो मंत्री के झूठ पर चुप नहीं बैठेंगे. बाद में कांग्रेस के सदन में नेता गुलाम नबी आजाद ने बीच बचाव करते हुए स्थिति स्पष्ट की कि मंत्री पंजाब के कानून के बारे में कह रहे हैं, जबकि हुड्डा हरियाणा का कानून समझ रहे थे जो उनके पिता और तब के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में बनाया गया था. इसके बाद दीपेंद्र हुड्डा तो शांत हो गए लेकिन मंत्री ने उन्हें नसीहत दे डाली. तोमर ने कहा कि अगली बार जब कृषि कानून पर बहस हो तो पढ़कर आना, फिर हमसे बहस करना हम सुनेंगे भी और जवाब भी देंगे.  मंत्री ने कहा कि वो पंजाब का कानून दिखा सकते हैं. इसी बीच बीजेपी सांसद भूपेंद्र यादव ने रूल बुक पढ़कर सदन के नियम का हवाला देते हुए कहा कि जब मंत्री जवाब दे रहे हों, तो सदस्य को टोका-टोकी नहीं कर सकते. इसके बाद यह मामला शांत हो गया.