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धन्यवाद प्रस्ताव पर ऊपरी सदन में 15 घंटे चर्चा हुई.( Photo Credit : फाइल फोटो)
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धन्यवाद प्रस्ताव पर ऊपरी सदन में 15 घंटे चर्चा हुई.( Photo Credit : फाइल फोटो)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सोमवार को प्रश्नकाल में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के तहत हुई चर्चा का जवाब राज्यसभा (Rajya Sabha) देंगे. उम्मीद की जा रही है कि प्रधानमंत्री सोमवार के अपने भाषण में संभवतः नए कृषि कानूनों (Farm Laws) पर सरकार का नजरिया पेश करेंगे. उनके बयान के बाद कृषि कानूनों की आगे की दशा और दिशा तय हो जाएगी. उधर, कांग्रेस पार्टी ने व्हिप जारी कर अपने राज्यसभा सदस्यों को सोमवार को संसद के ऊपरी सदन में पूरा कामकाज निपटने तक उपस्थित रहने को कहा है. पीटीआई के अनुसार संसद के बजट सत्र के पहले चरण के दौरान राज्यसभा के पहले छह दिनों में खूब कामकाज हुआ और कार्यवाही का 82.10 प्रतिशत समय चर्चाओं और कामकाज में इस्तेमाल किया गया. आधिकारिक बयान के अनुसार, कार्यवाही के दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर ऊपरी सदन में 15 घंटे चर्चा हुई.
धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में उठा था किसानों का मुद्दा
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर राज्यसभा में शुक्रवार को चर्चा खत्म हो गई थी. तीन दिनों तक चली चर्चा में कुल 25 दलों के 50 सासंदों ने अपने विचार रखे थे. इनमें 18 सांसद बीजेपी के जबकि 7 कांग्रेस एवं अन्य पार्टी के थे. सदन के एक अधिकारी ने बताया कि इस बार राष्ट्रपति के अभिभाषण पर होने वाली चर्चा बहुत लंबी रही, जिसमें काफी संख्या में सदस्यों ने भाग लिया. चर्चा के लिए करीब 15 घंटे का वक्त निर्धारित किया गया था. सरकार और विपक्ष, दोनों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के लिए 15 घंटे तक बढ़ाने पर सहमति जताई थी. विपक्षी दलों ने शुरू में किसान कानूनों पर अलग से चर्चा की मांग की थी, लेकिन बाद में वह धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान ही किसानों के मुद्दे उठाने के प्रस्ताव पर राजी हो गए.
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सत्र के पहले सप्ताह में खूब हुआ कामकाज
ध्यान रहे कि संसद के बजट सत्र के पहले चरण के दौरान राज्यसभा के पहले छह दिनों में खूब कामकाज हुआ और कार्यवाही का 82.10 प्रतिशत समय चर्चाओं और कामकाज में इस्तेमाल किया गया. आधिकारिक बयान के अनुसार पिछली तीन बैठकों में सदन में प्रस्ताव पर चर्चा मुख्य कार्य रहा जिसमें 25 दलों के 50 सदस्यों ने हिस्सा लिया. उसमें कहा गया है कि कार्यवाही के लिए कुल 20 घंटे 34 मिनट का समय तय था, जिसमें से चार घंटे 14 मिनट का समय तीन फरवरी को हंगामे के कारण बर्बाद हो गया. हालांकि शुक्रवार को सदन के सदस्य तय समय से 33 मिनट ज्यादा देरी तक कार्यवाही में शामिल हुए. धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा पर समय विस्तार के लक्ष्य से तीन फरवरी को प्रश्नकाल और चार तथा पांच फरवरी को प्रश्न काल और शून्यकाल दोनों समाप्त कर दिया गया था. शुक्रवार को गैर सरकारी सदस्यों के संकल्पों को भी स्वीकार नहीं किया गया. जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2021 को सदन में पेश किया गया. यह इस संबंध में जारी अधिसूचना का स्थान लेगा. पहले सप्ताह में सदन में आठ शून्यकाल और सात विशेष उल्लेख हुए. सदन में आम बजट 2021-22 पर अगले सप्ताह चर्चा होगी जिसके लिए 10 घंटे का समय निर्धारित किया गया है.
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