logo-image

एमपी के ग्रामीण इलाकों में टेलीमेडिसिन तकनीक से मरीजों का इलाज

मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों के लेागों को गांव में ही बेहतर चिकित्सकीय सुविधा मुहैया कराने के मकसद से टेलीमेडिसिन तकनीक का सहारा लिया जा रहा है. राज्य के कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि इस तकनीक से गांव में रहने वाले गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों

Updated on: 16 Aug 2020, 01:15 PM

भोपाल:

मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों के लेागों को गांव में ही बेहतर चिकित्सकीय सुविधा मुहैया कराने के मकसद से टेलीमेडिसिन तकनीक का सहारा लिया जा रहा है. राज्य के कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि इस तकनीक से गांव में रहने वाले गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों का समय पर बेहतर इलाज हो सकेगा. राज्य के हरदा जिले में इस तकनीक से इलाज की शुरुआत हुई है और वहां के ग्रामीण इलाकों को इससे जोड़ा है.

भोपाल से इलाज की इस तकनीक का शुभारंभ करते हुए पटेल ने शनिवार को कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आपदा में अवसर तलाशने का आह्वान किया था, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस दिशा में काम किया और एक प्रभावशाली कार्य शुरू हुआ है.

और पढ़ें: एमपी में 10 हजार स्कूूलों पर लग सकता है ताला, शिक्षा विभाग ने मांगी लिस्ट

उन्होनें टेलीमेडिसिन तकनीक से होने वाले फोयदे का जिक्र करते हुए कहा टेलीमेडिसिन तकनीक के इस्तेमाल से ह््रदय रोग, शुगर, ब्लडप्रेशर के मरीजों को इलाज के लिए शहर आने की जरूरत नहीं होगी, उनकी वहीं जांच होगी और दवा का इंतजाम रहेगा, स्वास्थ्य केंद्रों पर वीडियो कन्फ्रेंस के माध्यम से विशेषज्ञ डक्टरों से परामर्श कर उनका वहीं इलाज किया जा सकेगा.

टेलीमेडिसिन तकनीक से इलाज के लिए हरदा जिला अस्पताल के तीन डक्टरों को प्रशिक्षण दिया गया है, जिले में ग्रामीण क्षेत्रों के 14 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को इससे जोड़ा गया है, आगामी समय में 36 स्वास्थ्य केंद्र इससे जुड़ेंगे.

ये भी पढ़ें: इस बार भी एमपी पुलिस वीरता पदक से रही दूर, पिछले 5 सालों में नहीं मिला ये सम्मान

कमल पटेल ने बताया कि हरदा से आरंभ हुई टेलीमेडिसिन तकनीक से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की योजना पूरे प्रदेश में लागू होगी. कोरोना काल में जब अस्पतालों में इलाज मिलना मुश्किल हो गया है, परिवहन के साधन भी सीमित रह गये हैं ऐसे में टेलीमेडिसिन तकनीक वरदान बनकर स्वास्थ्य सेवा का हिस्सा बन गई है .