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एमपी में 10 हजार स्कूूलों पर लग सकता है ताला, शिक्षा विभाग ने मांगी लिस्ट

मध्य प्रदेश में स्कूलों को लेकर एक बड़ा कदम उठाया गया है. राज्य में स्कूल शिक्षा विभाग ने ऐसे स्कूलों की लिस्ट मांगी हैं, जिसमें छात्रों की संख्या 20 से कम हैं. प्रदेश भर में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से राज्य शिक्षा केंद्र ने ऐसे स्कूलों की जानकारी

Updated on: 15 Aug 2020, 09:47 AM

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश में स्कूलों को लेकर एक बड़ा कदम उठाया गया है. राज्य में स्कूल शिक्षा विभाग ने ऐसे स्कूलों की लिस्ट मांगी हैं, जिसमें छात्रों की संख्या 20 से कम हैं. प्रदेश भर में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से राज्य शिक्षा केंद्र ने ऐसे स्कूलों की जानकारी मांगी गई. इस फैसले के बाद कहा जा रहा है कि 10 से 12 हजार स्कूलों पर ताला लग सकता हैं. राज्य शिक्षा केंद्र ने प्रदेश भर के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों की लिस्ट मांगी है. 

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इस फैसले पर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बताया कि हर साल समीक्षा के तहत ही इस तरह की जानकारी मांगी गई है. कम संख्या वाले स्कूलों को बंद करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है और न ही इस तरह का कोई आदेश निकाला गया है. कम संख्या वाले स्कूलों को दूसरे स्कूल में मर्ज किया जाएगा. शिक्षकों को भी दूसरे स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा. स्कूलों को बंद करने की अभी फिलहाल कोई योजना नहीं है.

प्रदेश भर में 11 जिले ऐसे है जहां पर स्कूलों में मात्र एक ही छात्र है. भोपाल जिले में 70 स्कूल चिन्हित किए गए हैं, जहां पर छात्रों की संख्या 20 से कम है. वहीं भिंड-16, श्योपुर- 10, देवास-18, शिवपुरी-16, उज्जैन 19, धार-21, खरगोन- 27, सागर-48, दमोह-27, पन्ना-27, इंदौर-10 स्कूल है. तो वहीं 14 जिलों में 20 से कम छात्र संख्या वाले स्कूल चिन्हित किए गए हैं. इनमें देवास 300, भिंड-358, बड़वानी-326, राजगढ़-429, विदिशा-368, खरगोन-365 ,नरसिंहपुर-341, छिंदवाड़ा-518, सिवनी-550 , मंडला- 513, बालाघाट- 360 ,रीवा- 493 , सतना-606 हैं.

वहीं बता दें कि महामारी कोरोना वायरस के कारण देशभर के स्कूल बंद है. सभी छात्र-छात्राएं ऑनलाइन शिक्षा ले रहे हैं. वहीं केंद्र सरकार की तरफ से भी ये कहा जा रहा है कि 2020 शून्य शिक्षा वर्ष नहीं होगा, साथ ही अभी पूरे देश में स्कूल खोले जाने को लेकर भी कोई निर्णय नहीं लिया गया है. यह जानकारी सोमवार को शिक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति की बैठक में सामने आई। कक्षा 4 और उससे बड़ी कक्षाओं के लिए ऑनलाइन क्लास भी जारी रहेगी.

इसके साथ ये भी कहा जा रहा है कि सभी छात्रों को ट्रांजिस्टर देने की सलाह दी गई है. सांसदों के मुताबिक यह कदम लागत प्रभावी होगा और इसे ग्रामीण क्षेत्रों में भी आसानी से लागू किया जा सकता है.