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ग्वालियर में तानसेन समारोह की शुरुआत हरिकथा और मीलाद गायन से होगी

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में तानसेन समारोह 26 दिसंबर से शुरु होगा. इस आयोजन की शुरुआत हरिकथा और मीलाद गायन से होगी. इसके अलावा 30 दिसंबर तक चलने वाले इस समारोह में हिस्सा लेने कलाकारों के नाम भी तय हो गए हैं.

Updated on: 22 Dec 2020, 01:04 PM

ग्वालियर:

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में तानसेन समारोह 26 दिसंबर से शुरु होगा. इस आयोजन की शुरुआत हरिकथा और मीलाद गायन से होगी. इसके अलावा 30 दिसंबर तक चलने वाले इस समारोह में हिस्सा लेने कलाकारों के नाम भी तय हो गए हैं. इस समारोह मे कुल आठ सभाएं होंगी. बताया गया है कि भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश का सर्वाधिक प्रतिष्ठित यह समारोह संगीत की नगरी ग्वालियर में 26 से 30 दिसंबर तक आयोजित होगा. यह समारोह राज्य शासन के संस्कृति विभाग के लिये उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी द्वारा तानसेन समारोह द्वारा किया जाता है.

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इस समारोह में पंडित राजन मिश्र-साजन मिश्र का गायन, अब्दुल मजीद खां एवं अब्दुल हमीद खां की सारंगी जुगलबंदी और संजय कुमार मलिक व मधु भट्ट तैलंग का धुपद गायन होगा.

तानसेन समारोह का शुभारंभ 26 दिसम्बर को प्रात: काल पारंपरिक रूप से हरिकथा व मीलाद गायन, शहनाई वादन और चादरपोशी के साथ होगा. इस बार के समारोह में कुल आठ संगीत सभायें होंगी. पहली सात संगीत सभायें सुर सम्राट तानसेन की समाधि एवं मोहम्मद गौस के मकबरा परिसर में होंगी. समारोह की आठवी एवं आखिरी सभा सुर सम्राट तानसेन की जन्मस्थली बेहट में झिलमिल नदी के किनारे होगी. तानसेन समारोह की प्रात: कालीन संगीत सभाएं प्रात: 10 बजे और सायंकालीन सभाएं अपरान्ह चार बजे शुरू होंगीं.