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‘बिकाऊ नहीं, टिकाऊ चाहिए’ नारे से उपचुनाव में प्रचार करेगी मध्य प्रदेश कांग्रेस

मध्य प्रदेश में 27 सीटों पर होने वाले आगामी विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने मंगलवार से प्रचार के लिए नया नारा दिया है. उपचुनाव वाली सीटों पर कांग्रेस ‘बिकाऊ नहीं, टिकाऊ चाहिए, फिर से कमलनाथ सरकार चाहिए’ नारे वाले मास्क बांटकर प्रचार करेगी.

Updated on: 29 Jul 2020, 12:20 AM

ग्वालियर:

मध्य प्रदेश में 27 सीटों पर होने वाले आगामी विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने मंगलवार से प्रचार के लिए नया नारा दिया है. उपचुनाव वाली सीटों पर कांग्रेस ‘बिकाऊ नहीं, टिकाऊ चाहिए, फिर से कमलनाथ सरकार चाहिए’ नारे वाले मास्क बांटकर प्रचार करेगी. इसके लिए कांग्रेस नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने मास्क की लांचिंग की और कहा कि जनता से कहेंगे कि वह ऐसे जनप्रतिनिधि चुने, जो ‘‘टिकाऊ हों, बिकाऊ नहीं.’’

शर्मा ने मंगलवार को ग्वालियर में एक प्रेसवार्ता में कहा, ‘‘कांग्रेस के 22 विधायक बिक गए और कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत मध्य प्रदेश सरकार गिराने बेंगलुरू चले गए. कमलनाथ की सरकार अच्छी तरह चल रही थी, लेकिन सरकार गिराकर मध्य प्रदेश का विकास रोक दिया. ’’

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उन्होंने कहा कि उसी सरकार को गिराने के दौरान प्रदेश में कोरोना वायरस फैल गया और इसी कोरोना वायरस से प्रदेश की जनता परेशान है. अब तो स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं और पूरी सरकार अस्पताल में है.

शर्मा ने कहा, ‘‘चूंकि प्रदेश में विधानसभा की 27 खाली सीटों पर उपचुनाव होना है, इसलिए कांग्रेस जनता से कहेगी कि वह ऐसे प्रत्याशी चुने जो बिकाऊ नहीं, बल्कि टिकाऊ हों. यदि टिकाऊ होगा तो सेवा की भावना से काम करेगा और फिर सरकार भी ठीक चलेगी.’’

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उन्होंने कहा, ‘‘इसी मुद्दे को लेकर उपचुनाव वाली सीटों पर कांग्रेस जनता के बीच जाएगी और ‘बिकाऊ नहीं, टिकाऊ चाहिए, फिर से कमलनाथ सरकार चाहिए’ वाले मास्क वितरित कर लोगों के बीच प्रचार करेगी.’’ उल्लेखनीय है कि मार्च में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 22 विधायकों ने कांग्रेस छोड़ी थी और वे अब भाजपा के साथ हैं.

इनमें से 16 सीट ग्वालियर-चंबल अंचल में हैं, जिनपर उपचुनाव होना है. इसी कारण कांग्रेस का पूरा जोर इसी इलाके में है. कांग्रेस के तीन अन्य विधायक भी विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देकर कांग्रेस छोड़ हाल ही में भाजपा में शामिल हुए हैं, जबकि दो सीट भाजपा और कांग्रेस के एक—एक विधायक के निधन से रिक्त हैं. इस प्रकार कुल 230 सदस्यों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा की 27 सीट रिक्त हैं.