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By Election : इमरती देवी नहीं कर पाएंगी प्रचार, चुनाव आयोग का कड़ा फैसला

चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा, आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 324 और इस संबंध में प्राप्त अन्य सभी अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए इमरती देवी के मध्य प्रदेश में कहीं भी एक नवंबर को एक दिन के लिए चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी है.

Updated on: 01 Nov 2020, 08:31 AM

नई दिल्‍ली/भोपाल:

चुनाव आयोग ने शनिवार को मध्य प्रदेश की मंत्री और उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार इमरती देवी को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले में एक नवंबर को एक दिन के लिए राज्य में प्रचार करने से प्रतिबंधित कर दिया है. मध्य प्रदेश में तीन नवंबर को 28 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होना है जिसके लिए प्रचार एक नवंबर (रविवार) शाम को थम जाएगा. चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा, आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 324 और इस संबंध में प्राप्त अन्य सभी अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए इमरती देवी के मध्य प्रदेश में कहीं भी एक नवंबर को एक दिन के लिए चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी है.

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वहीं, कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने 27 अक्तूबर को मध्यप्रदेश के जौरा, मुरैना में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करने के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने पर चुनाव आयोग ने 48 घंटे के भीतर आचार्य प्रमोद कृष्णम से स्पष्टीकरण मांगा है. मुरैना के जौरा में सभा करने पहुंचे कृष्णम ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तुलना कंस, शकुनी और मारीच से की थी. 

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आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि 'त्रेता में मामा मारीच हुए. द्वापर युग में कंस मामा का नाम रहा. इसके बाद शकुनी मामा ने छल और प्रपंच से पांडवों को बर्बाद कर दिया. तीनों मामाओं का कमीनापन निचोड़ दिया जाए, तो इससे मिलकर शिवराज मामा बनता है. बता दें कि चुनाव आयोग ने आचार संहिता के उल्‍लंघन पर बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय को भी कड़ी फटकार लगाई थी. आयोग ने विजयवर्गीय द्वारा की गई अभद्र टिप्पणी को आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन माना था. आयोग ने इसे लेकर विजयवर्गीय को सख्‍त चेतावनी दी थी.