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मध्य प्रदेश : शिवराज सिंह चौहान की चिट्ठी के बाद, ममता बनर्जी पसोपेश में

पूरे देश में प्रवासी मजदूरों की घरवापसी पर उठे बवाल के बीच ममता लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर रही हैं. वे केंद्र सरकार पर मजदूरों की अनदेखी का आरोप लगाती रही हैं, लेकिन शिवराज की चिट्ठी के बाद उनकी उलझनें बढ़ गई हैं.

Updated on: 18 May 2020, 12:33 PM

भोपाल:

मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को अजीब उलझन में डाल दिया है. शिवराज ने ममता को चिट्ठी लिखकर कहा है कि वे एमपी के इंदौर में फंसे बंगाली मजदूरों की घरवापसी के लिए इंतजाम करें. पूरे देश में प्रवासी मजदूरों की घरवापसी पर उठे बवाल के बीच ममता लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर रही हैं. वे केंद्र सरकार पर मजदूरों की अनदेखी का आरोप लगाती रही हैं, लेकिन शिवराज की चिट्ठी के बाद उनकी उलझनें बढ़ गई हैं.

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क्या लिखा मध्य प्रदेश सीएम शिवराज ने

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लिखा, 'मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए केंद्र की ओर से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं. राज्यों के अनुरोध पर ट्रेनें चल रही हैं. अब तक एमपी सरकार के अनुरोध पर 85 श्रमिक ट्रेनों के जरिए 1 लाख 7 हजार मजदूरों की घर वापसी हुई है.'

सीएम ममता बनर्जी से अपील करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लिखा, 'जो लोग इंदौर से घर जाना चाहते हैं, उनकी सुविधा के लिए इंदौर और कोलकाता के बीच स्पेशल ट्रेन चलाए जाने की आवश्यकता है. इसके लिए आप केंद्रीय रेल मंत्रालय से अनुरोध कीजिए, ताकि मजदूरों को कोई समस्या न हो.'

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के जो मजदूर देश के अलग-अलग हिस्से में फंसे हुए हैं, उन्हें वापस लाने के लिए राज्य सरकार की ओर से 105 अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनें चलवाने का फैसला लिया गया है. सीएम ममता बनर्जी ने ट्वीट करके कहा था कि किराये को लेकर मजदूरों से कोई पैसा नहीं लिया जाएगा.

शिवराज पहले भी साध चुके हैं निशाना
11 मई को मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान ममता ने केंद्र सरकार पर कई आरोप लगाए थे. ममता ने मोदी पर मनमर्जी करने और राज्यों को विश्वास में नहीं लेने की बात कही थी. इसको लेकर शिवराज पहले भी उन्हें निशाने पर ले चुके हैं. शिवराज ने इशारों-इशारों में केंद्र सरकार का बचाव करते हुए कहा था कि पीएम मोदी सबको साथ लेकर चल रहे हैं.

शिवराज की चिट्ठी से ममता के लिए उहापोह की स्थिति पैदा हो गई है. वे केंद्र सरकार पर गैर-बीजेपी शासित राज्यों के साथ भेदभाव का आरोप लगा चुकी हैं. ऐसे में रेल मंत्रालय से बंगाल के लिए अलग से ट्रेन चलाने की मांग करना मुश्किल हो सकता है. दूसरी ओर, शिवराज की चिट्ठी की अनदेखी से उन पर अपने राज्य के मजदूरों पर ध्यान नहीं देने का आरोप लग सकता है.