दिग्विजय के नामांकन न भरने से कांग्रेस में "कहीं खुशी कहीं गम"

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कांग्रेस के राष्ट्रिय अध्यक्ष के लिये नामांकन दाखिल करने से इंकार के बाद कांग्रेस में कहीं खुशी तो कहीं गम की स्थिति है. सिंह के अध्यक्ष के लिये चुनाव न लड़ने से कांग्रेस के कई नेताओं ने राहत की सांस ली है.

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Sunder Singh
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file photo( Photo Credit : News Nation)

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कांग्रेस के राष्ट्रिय अध्यक्ष के लिये नामांकन दाखिल करने से इंकार के बाद कांग्रेस में कहीं खुशी तो कहीं गम की स्थिति है. सिंह के अध्यक्ष के लिये चुनाव न लड़ने से कांग्रेस के कई नेताओं ने राहत की सांस ली है. वहीं  कुछ लोगों को दिग्गी के फैसले के बाद गम की स्थिति भी बनी हुई है. आपको बता दें कि प्रदेश कांग्रेस में कमलनाथ समर्थकों में दिग्विजय के चुनाव लड़ने के निर्णय से बैचेनी थी. वहीं सिंह के समर्थकों में भारी उत्साह आ गया था. प्रदेश से सिंह के सैंकड़ों समर्थक उनका नामांकन दाखिल करवाने के लिये दिल्ली पहुंच गये थे. सिंह के समर्थक उनके चुनाव न लड़ने के निर्णय से भारी निराश हैं.

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सिंह के एक समर्थक नेता का कहना है कि निराशा तो अवश्य है, लेकिन सिंह पार्टी के समर्पित नेता हैं ऐसे में वही करते हैं जो कि पार्टी के हित में होता है। भाजपा हालांकि इस पूरे घटनाक्रम केा लेकर तंज कस रही है. गृहमंत्री नरोत्तम  मिश्रा का कहना है कि कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह को अध्यक्ष नहीं बनने दिया. कमलनाथ ने दिग्विजय के चुनाव लड़ने की जानकारी मीडिया से साझा करते हुये कहा कि दिग्विजय ने उन्हें फोन करके चुनाव न लड़ने के बारे में बताया. नाथ ने कहा कि सिंह ने बताया कि वे मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ेंगे. साथ ही उन्होने कहा कि इसपर मैंने उन्हें बधाई दी. 

दिग्विजय के चुनाव मैदान में उतरने के निर्णय के बाद से नाथ भी असहज दिखाई दे रहे थे. उनके चुनाव न लड़ने से वे भी प्रसन्न दिखाई दे रहे हैं. प्रदेश कांग्रेस के नेताओं की बात करें तो पूर्व मंत्री उमंग सिंघार, मुकेश नायक, सज्जन सिंह वर्मा सहित अनेक नेताओं से सिंह की तकरार चलती रही है. सिंह और सिंघार के बीच तो कांग्रेस सरकार के दौरान सीधी तकरार हुयी थी. सिंह के चुनाव मैदान में उतरने के निर्णय से उनके समर्थकों में शामिल नेता प्रतिपक्ष गोविन्द सिंह, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, जयवर्धन सिंह काफी उत्साह में थे. कांग्रेस के नेताओं केा यह आशंका थी कि यदि दिग्विजय कांग्रेस के राष्ट्रिय अध्यक्ष बन गये तो प्रदेश में कांग्रेस के समीकरण बिगड़ जायेंगे। ऐसे नेता उनके चुनाव न लड़ने के निर्णय के बाद काफी खुश दिखाई दे रहे हैं.

HIGHLIGHTS

  • प्रदेश से सैंकड़ो समर्थन पहुंच गये थे दिल्ली
"somewhere happiness and sorrow Rajasthan Crisis Digvijay congress Due to non-filing of nomination
      
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