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कोरोना 'रिटर्न'; मध्य प्रदेश के इन बड़े शहरों में फिर लगने जा रहा है नाइट कर्फ्यू

महाराष्ट्र और केरल के बाद अब मध्य प्रदेश में भी कोरोना वायरस फिर तेजी से लौटने लगा है. खबर व्यावसायिक नगरी इंदौर के लिए ज्यादा डराने वाली है.

Updated on: 06 Mar 2021, 08:50 AM

highlights

  • मध्य प्रदेश में फिर लौटने लगा कोरोना वायरस
  •  इंदौर में वायरस के नए स्ट्रेन ने दस्तक दी
  • भोपाल में कोरोना मरीजों की संख्या वृद्धि

भोपाल:

महाराष्ट्र और केरल के बाद अब मध्य प्रदेश में भी कोरोना वायरस फिर तेजी से लौटने लगा है. खबर व्यावसायिक नगरी इंदौर के लिए ज्यादा डराने वाली है. यहां कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बीच अब वायरस के नए स्ट्रेन ने भी दस्तक दे दी है. राजधानी भोपाल में भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में एक बार फिर बढ़ोत्तरी का दौर जारी है. फिर से बिगड़ी स्थिति को देखते हुए सरकार और प्रशासन भी अलर्ट हो गया है. इन दोनों बड़े शहरों में अगर आगामी तीन दिनों में कोरोना मरीजों की संख्या में गिरावट नहीं आती है तो 8 मार्च से रात्रि का कर्फ्यू लगा दिया जाएगा.

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कोरोना की स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भोपाल और इंदौर में कोरोना के प्रकरणों में लगातार वृद्धि हो रही है. मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग पर सख्ती जरूरी है. यदि अगले 3 दिन में कोरोना के प्रकरणों में गिरावट नहीं हुई तो आठ मार्च से भोपाल और इंदौर में रात्रि कर्फ्यू लगाया जाएगा. मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इंदौर में लंदन वैरिएंट से प्रभावित छह मरीज मिले हैं. लंदन वैरिएंट का संक्रमण अधिक घातक है. इसकी संक्रामक क्षमता तुलनात्मक रूप से अधिक है.

इंदौर में पिछले सप्ताह प्रतिदिन औसतन 151 प्रकरण बढ़े हैं. इसी प्रकार भोपाल में 78, जबलपुर में 16, बैतूल में 13 और छिंदवाड़ा व उज्जैन में 11-11 प्रकरणों की प्रतिदिन औसतन वृद्धि हुई है. इंदौर में पिछले 15 दिनों में प्रकरणों की संख्या दोगुनी हो गई है. इस गंभीरता को देखते हुए इंदौर और भोपाल में सावधानियां बरतना और सख्ती करना आवश्यक है.

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मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भोपाल, इंदौर, जबलपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा, उज्जैन और महाराष्ट्र से लगे जिलों में कोरोना से प्रभावित प्रकरणों की संख्या बढ़ रही है. प्रदेश में किसी भी हालत में स्थिति को बिगड़ने नहीं दिया जाए. महाराष्ट्र से आने वाले यात्रियों के लिए कोरोना निगेटिव की रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा. इसकी जवाबदारी बस ऑपरेटरों की होगी. बस ऑपरेटर रिपोर्ट के आधार पर ही यात्रियों को बस में प्रवेश दें. राज्य की सीमा पर पुख्ता चैकिंग की व्यवस्था की जाए.

मुख्यमंत्री चौहान ने उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी शासकीय तथा गैर-शासकीय शैक्षणिक संस्थाओं में मास्क का उपयोग अनिवार्य किया जाए. इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाएं.

(इनपुट - आईएएनएस)