इस सीट पर जीत मिलते ही कांग्रेस के आक्रामक हो रहे हैं तेवर
दमोह के तत्कालीन विधायक राहुल लोधी ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था और यहां उपचुनाव हुए . नतीजे आए तो जीत कांग्रेस के खाते में गई और यहां से अजय टंडन को जीत मिली.
highlights
- दमोह में हुए विधानसभा के उपचुनाव में मिली जीत के बाद कांग्रेस न केवल आक्रामक हो चली है
- पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से लेकर पार्टी के अन्य नेता सरकार और भाजपा को आड़े हाथों ले रहे हैं
- कांग्रेस के नेता गाहे-बगाहे ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का साहस दिखा पाते थे
भोपाल:
मध्य प्रदेश दमोह में हुए विधानसभा के उपचुनाव में मिली जीत के बाद कांग्रेस न केवल आक्रामक हो चली है, बल्कि नेताओं के तेवर भी तीखे हो चले हैं. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से लेकर पार्टी के अन्य नेता सरकार और भाजपा को आड़े हाथों ले रहे हैं, साथ ही उनका रुख भी हमलावर है. राज्य में लगभग डेढ़ पहले सत्ता से बाहर हुई कांग्रेस के नेता गाहे-बगाहे ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का साहस दिखा पाते थे, क्योंकि कई नेताओं के अंदर यह बात घर कर गई थी कि उन्हें संगठन का साथ नहीं मिलेगा और मुसीबत अगर उन पर आएगी तो उसका सामना उन्हें ही करना पड़ेगा.
यह भी पढ़ें :मंदसौर में मरीजों को मिल रही निशुल्क एंबुलेंस सेवा
दमोह के तत्कालीन विधायक राहुल लोधी ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था और यहां उपचुनाव हुए . नतीजे आए तो जीत कांग्रेस के खाते में गई और यहां से अजय टंडन को जीत मिली. यह जीत कांग्रेस के लिए संजीवनी साबित हो रही है. इतना ही नहीं इस जीत के साथ ही राज्य में कोरोना ने अपने पैर पसारे तो कांग्रेस के तमाम नेता सरकार को घेरने में लग गए. अब कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री उमंग सिंगार पर एक महिला को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा और मामला भी दर्ज हुआ, तो पार्टी के नेता एकजुट होने लगे और उनके तेवर भी आक्रामक हो गए हैं .
यह भी पढ़ें :पहलवान हत्याकांड: सुशील कुमार को कोर्ट ने 6 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी तीखे हमले बोल रहे है. कोरोना संक्रमण को लेकर तो उन्होंने यहां तक दावा कर दिया है कि राज्य में मार्च और अप्रैल माह में एक लाख से ज्यादा लोगों की मौत इस महामारी के कारण हुई है. उमंग सिंघार पर मामला राजनीतिक विद्वेष के तहत लगाए जाने का आरोप लगाते हुए यहां तक कहा कि उनके पास भी हनीटैप की सीडी है .
पार्टी के मुखिया के आक्रामक होते तेवरों ने निचले स्तर के कार्यकतार्ओं में यह संदेश दे दिया है कि अब शांत बैठने की जरुरत नहीं है. राज्य में आगामी समय में तीन विधानसभा और एक लोकसभा क्षेत्र में चुनाव होने के साथ नगरीय निकाय और पंचायतों के चुनाव संभावित है. इसके चलते भ्ीा कार्यकर्ता व पार्टी आक्रामक रुख अपना रही हैं.
यह भी पढ़ें : चक्रवात यास के कारण 24 मई से 29 मई के बीच इस रुट की 25 ट्रेन रद्द
राजनीतिक के जानकारों का मानना है कि कांग्रेस भी यह जान गई है कि उसका मुकाबला राज्य में भाजपा के संगठन से है . भाजपा संगठन लगातार जमीनी तैयारी तेजी से कर रहा है, नई पीढ़ी को आगे ला रहा है. भाजपा से मुकाबला तभी किया जा सकता है जब कार्यकर्ता और नेताओं में जोश हो. कांग्रेस को मजबूरन ही सही मगर अपना रवैया बदलना पड़ रहा है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Kajol Workout Routine: 49 की उर्म में ऐसे इतनी फिट रहती हैं काजोल, शेयर किया अपना जिम रुटीन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी