यूपी के बाद एमपी में भी 'लव जिहाद' के खिलाफ बनेगा कानून, अगले महीने आएगा विधेयक

मध्यप्रदेश के कानून एवं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को कहा कि ‘लव जिहाद’ के खिलाफ सख्त कानून बनाने के लिए भाजपा नीत प्रदेश सरकार 28 दिसंबर से शुरू होने वाले तीन दिवसीय विधानसभा सत्र में ‘धर्म स्वातंत्र्य विधेयक-2020’ लाएगी.

author-image
Vineeta Mandal
New Update
Love jihad

Love Jihad( Photo Credit : (सांकेतिक चित्र))

मध्यप्रदेश के कानून एवं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को कहा कि ‘लव जिहाद’ के खिलाफ सख्त कानून बनाने के लिए भाजपा नीत प्रदेश सरकार 28 दिसंबर से शुरू होने वाले तीन दिवसीय विधानसभा सत्र में ‘धर्म स्वातंत्र्य विधेयक-2020’ लाएगी. उन्होंने कहा कि ‘लव जिहाद’ को गैर जमानती अपराध घोषित कर मुख्य आरोपी और इसमें सहभागियों को 10 साल की कठोर कारावास की सजा का प्रावधान किया जा रहा है, जबकि इस तरह की शादी-निकाह कराने वाले धर्म गुरु, काजी-मौलवी, पादरी को भी पांच साल की सजा होगी.

Advertisment

और पढ़ें: उत्तर प्रदेश में तीन तलाक के मामले में छह लोगों के खिलाफ केस

मिश्रा ने बताया, ‘‘धर्म स्वातंत्र्य विधेयक के मसौदे में बहला-फुसलाकर एवं डरा-धमकाकर धर्मांतरण के लिए विवाह करने पर 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की शादी-निकाह कराने वाले धर्म गुरु, काजी-मौलवी, पादरी को भी पांच साल की सजा होगी. ऐसी शादियां कराने वाली संस्थानों का पंजीयन भी निरस्त किया जाएगा.’’

उन्होंने कहा कि जांच के बाद ऐसा विवाह शून्य घोषित किया जाएगा. मिश्रा मध्यप्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री भी हैं. उन्होंने कहा कि धर्म स्वातंत्र्य विधेयक-2020 को लेकर मंत्रालय में बुधवार को गृह और विधि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने बताया कि बैठक में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा, विधि विभाग के प्रमुख सचिव सत्येंद्र सिंह और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अन्वेष मंगलम और अन्य अधिकारियों के साथ प्रस्तावित कानून के ड्राफ्ट पर विचार विमर्श किया.

मिश्रा ने बताया कि इस अधिनियम में यह अपराध संज्ञेय तथा गैर जमानती होगा. उन्होंने कहा कि आरोपी को स्वयं सिद्ध करना होगा कि उसने बगैर दबाव, धमकी या बहला फुसलाकर कर यह धर्मान्तरण किया है. उन्होंने कहा कि इसमें सहयोग करने वाले सभी लोग मुख्य आरोपी की तरह ही आरोपी माने जाएंगे.

मिश्रा ने बताया कि इस अधिनियम में कार्रवाई के लिए धर्मान्तरण के लिए बाध्य किए गये पीड़ित व्यक्ति अथवा उसके माता-पिता अथवा भाई-बहन अथवा अभिभावक शिकायत कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें: मुनव्वर राणा का बयान, लव जिहाद कानून मुसलमानों के खिलाफ

उन्होंने कहा कि धर्मांतरण और धर्मांतरण के पश्चात होने वाले विवाह के एक माह पहले जिला दंडाधिकारी (कलेक्टर) को धर्मांतरण और विवाह करने और करवाने वाले दोनों पक्षों को लिखित में आवेदन प्रस्तुत कर अनुमति लेगी होगी. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं को ‘डोनेशन’ देने वाली संस्थाएं या लेने वाली संस्थाओं का पंजीयन भी निरस्त होगा.

मिश्रा ने बताया, ‘‘इसके लिए मसौदा तैयार हो गया है. दिसंबर के दूसरे हफ्ते में जो कैबिनेट की बैठक होगी उसमें हम इस विधेयक का मसौदा रखेंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘28 से 30 दिसंबर तक जो विधानसभा सत्र होगा, उसमें यह विधेयक लाया जाएगा.’’ एक सवाल के जवाब में मिश्रा ने स्पष्ट किया, ‘‘यह अध्यादेश के रूप में नहीं आएगा. यह कैबिनेट में जाएगा और वहां से पास होकर यह विधानसभा में विधेयक के रूप में लाया जाएगा.’’ 

Source : Bhasha

मध्य प्रदेश Love Jihad Law MP लव जिहाद कानून नरोत्तम मिश्रा Narottam Mishra love jihad madhya-pradesh लव जिहाद
      
Advertisment