MP: मिट्टी धंसने से दो आदिवासी महिलाओं की मौत, एक की हालत गंभीर

मिट्टी निकालने के दौरान अचानक गढ्ढा धंसने से तीनों महिलाएं दब गईं. इनमें केसरबाई और लीलाबाई की मौके पर ही मौत और सकूनबाई गंभीर रूप से घायल हो गई. परते ने कहा कि दोनों शवों को देर रात पोस्टमार्टम उपरांत उनके परिजन को सौंप दिया गया.

मिट्टी निकालने के दौरान अचानक गढ्ढा धंसने से तीनों महिलाएं दब गईं. इनमें केसरबाई और लीलाबाई की मौके पर ही मौत और सकूनबाई गंभीर रूप से घायल हो गई. परते ने कहा कि दोनों शवों को देर रात पोस्टमार्टम उपरांत उनके परिजन को सौंप दिया गया.

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Vineeta Mandal
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मिट्टी धंसने से दो आदिवासी महिलाओं की

मिट्टी धंसने से दो आदिवासी महिलाओं की मौत( Photo Credit : (सांकेतिक चित्र))

खंडवा जिले के ग्राम जामन्या सरसरी में गढ्ढे से मिट्टी निकालने गई दो आदिवासी महिलाओं की मिट्टी धंसने से दबकर मौत हो गई और एक अन्य महिला गंभीर रूप से घायल हो गई. खालवा पुलिस थानांतर्गत रोशनी चौकी के प्रभारी सुसा परते ने मंगलवार को बताया कि सोमवार दोपहर करीब तीन बजे केसरबाई (40), लीलाबाई (25) और सकूनबाई अपने मकान की मरम्मत के लिए नाले में निर्माण कार्य के लिए खोदे गए गढ्ढे से मिट्टी लेने गई थी.

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मिट्टी निकालने के दौरान अचानक गढ्ढा धंसने से तीनों महिलाएं दब गईं. इनमें केसरबाई और लीलाबाई की मौके पर ही मौत और सकूनबाई गंभीर रूप से घायल हो गई. परते ने कहा कि दोनों शवों को देर रात पोस्टमार्टम उपरांत उनके परिजन को सौंप दिया गया. वहीं, घायल महिला को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में मामला दर्ज कर विस्तृत जांच जारी है.

वहीं, ग्रामीणों को आरोप है कि मनरेगा के तहत जेसीबी मशीन की मदद से रात्रि में स्टॉप डैम (कृत्रिम झील) निर्माण के लिए ये गढ्ढे खोदे गए थे. इसका किसानों ने विरोध भी किया था. ठेकेदार ने गढ्ढों को वापस नहीं भरा. उन्होंने बताया कि ग्रामीणों का कहना है कि गांव की महिलाएं इन गढ्ढों में निकली सफेद मिट्टी मकान की मरमम्त के लिए लेने गई थी. परते ने बताया कि इस घटना से ग्रामीणों में बहुत गुस्सा है.

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