Cyber Crime: साइबर अपराध से निपटने के लिए झारखंड पुलिस की नायाब तैयारी

क्राइम के बदलते स्वरूप के साथ ही पुलिस भी मॉडर्न क्राइम पैटर्न को लेकर खुद को तैयार कर रही है.

क्राइम के बदलते स्वरूप के साथ ही पुलिस भी मॉडर्न क्राइम पैटर्न को लेकर खुद को तैयार कर रही है.

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Vineeta Kumari
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साइबर अपराध से निपटने के लिए झारखंड पुलिस की नायाब तैयारी( Photo Credit : प्रतीकात्मक तस्वीर)

Cyber Crime: क्राइम के बदलते स्वरूप के साथ ही पुलिस भी मॉडर्न क्राइम पैटर्न को लेकर खुद को तैयार कर रही है. झारखंड पुलिस अपराध के डिजिटल एविडेंस के साथ-साथ साइबर अपराध पर नकेल कसने को लेकर अपने 41 डिजिटल जाबाजो की टीम तैयार कर रही है. जिनसे ना सिर्फ अपराधी बल्कि साइबर अपराधी भी पनाह मांगते नजर आएंगे. साइबर अपराध के साथ-साथ साइबर अपराध होने से पहले ही उसकी जानकारी पुलिस को मिल सके. इसे लेकर झारखंड पुलिस ने 41 पुलिस कर्मियों का चयन कर उन्हें एडवांस ट्रेनिंग दे रही है ताकि आनेवाले दिनों में ये डिजिटल योद्धा अपनी सेवा से ना सिर्फ अपराधियों के लिए बल्कि साइबर अपराधियों के लिए भी काल बनेंगे.

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राज्य भर के वैसे पुलिसकर्मी जिनका बैकग्राउंड कंप्यूटर साइंस से रहा है, उनलोगों का चयन उसमें किया गया है. बता दें कि इसे लेकर 300 पुलिसकर्मियों का आवेदन आया था, जिसमें से 41 पुलिसकर्मियों का चयन किया गया और फिर उन्हें एडवांस ट्रेनिंग दी जा रही है. 

इन चीजों का ऑफिसर रखेंगे ख्याल
पैथन प्रोग्रामिंग लैंग्वेज, मशीन लर्निंग और ओपन सोर्स इंटीलीजेंस की ट्रेनिंग दी जाएगी. 3 महीनों की ट्रेनिंग में साइबर अनुसंधान, साइबर अटैक और कोई अपराधी जो सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म पर एक्टिव है और कोई मैसेज जो लोगों को भड़काने का काम करें. अपराधी किसी वारदात को अंजाम दे, उससे पहले सोशल मीडिया पर फ्लोट होती है तो उसकी जानकारी मिल सके. संबंधित व्यक्ति की तुरंत पहचान की जा सके और समय रहते कार्रवाई की जाए ताकि अनहोनी से बचा जा सके. इसे लेकर ये तमाम ऑफिसर्स कार्य करेंगे. 

पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग देने पहुंचे साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि वर्तमान में जो ट्रेनिंग झारखंड के इन 41 पुलिसकर्मियों को दी जा रही है, वो अपने आप में नायाब है. देशभर में आईबी के ऑफिसर्स को ही इस तरह की ट्रेनिंग दी गई है और किसी भी राज्य की पुलिस विभाग में ये अपने तरह की पहली ट्रेनिंग है. वहीं, उन्होंने बताया कि वर्तमान में साइबर वार की घटना बढ़ी है और अपराधी भी साइबर हथकंडे का इस्तेमाल करते हैं. अपराध के दौरान काफी डिजिटल फुटप्रिंट छोड़ते हैं, जिस कारण इन्वेस्टिगेशन में पुलिस के लिए डिजिटली साउंड होना जरूरी है. इसी के साथ उन्होंने बताया कि इस तरह की ट्रेनिंग विदेशों में ही होती है और उसके लिए काफी पैसे भी खर्च करने पड़ते हैं.

HIGHLIGHTS

  • झारखंड पुलिस मॉडर्न क्राइम पैटर्न को लेकर खुद को कर रही तैयार 
  • साइबर अपराध से निपटने के लिए झारखंड पुलिस की नई तैयारी
  • पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग देने पहुंचे साइबर एक्सपर्ट

Source : News State Bihar Jharkhand

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