क्या आपने देखा है स्वर्णरेखा डैम, जानिए इसकी खासियत
झारखंड के सरायकेला के चांडिल अनुमंडल में पड़ने वाला स्वर्णरेखा डैम झारखंड के साथ-साथ दूसरे प्रदेश के लोगों को भी हर साल अपनी ओर आकर्षित करता है. ठंड शुरू होते ही लोग यहां घूमने चले आते हैं और जिंदगी का लुत्फ उठाते हैं.
highlights
- स्वर्णरेखा डैम पर पर्यटकों के आने का सिलसिला जारी
- इलाके में 5 से ज्यादा मजिस्ट्रेट की तैनाती
- पर्यटकों के लिए विधायक ने दी 4 बोट
Saraikela:
सर्दियां शुरू होते ही सरायकेला में पर्यटकों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है. प्रदेश के साथ-साथ दूसरे प्रदेश से भी लोग पिकनिक के लिये इस जिले में आते हैं और अपने लाइफ को एंजॉय करते हैं. झारखंड के सरायकेला के चांडिल अनुमंडल में पड़ने वाला स्वर्णरेखा डैम झारखंड के साथ-साथ दूसरे प्रदेश के लोगों को भी हर साल अपनी ओर आकर्षित करता है. ठंड शुरू होते ही लोग यहां घूमने चले आते हैं और जिंदगी का लुत्फ उठाते हैं. ये डैम झारखंड के पर्यटन में अपनी सबसे बड़ी दावेदारी जो पेश करता है. डैम में पानी को संग्रहित कर सुंदर झील का रूप दिया गया है. जो कई हजार स्क्वायर फीट में फैला है. सबसे खास बात ये है कि इसके चारों ओर हरियाली है, जो इसकी खूबसूरती में और भी चार चांद लगाती है, जिसे देख सैलानी यहां खींचे चले आते हैं.
झारखंड के राजस्व को एक अच्छी रूपरेखा देने में सरायकेला प्रशासन भी पूरी तरह से तत्पर दिख रहा है. सरायकेला के चांडिल एसडीओ रंजीत लोहरा के आंकड़े के मुताबिक न सिर्फ झारखंड से बल्कि बंगाल और उड़ीसा से भी सैलानी यहां पिकनिक मनाने आते हैं. जिसे देखते हुए स्थानीय खोताखोरों की एक टीम बनाई गई है. सारे वोटिंग और दूसरे सामानों का अवलोकन निर्धारित पदाधिकारी खुद करवाते हैं. पूरी पिकनिक के दौरान इलाके में 5 से ज्यादा मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है. इसके अलावा किसी भी पर्यटक को अगर दिक्कत हो तो वे स्थानीय थाने से भी संपर्क कर सकते हैं. जहां 24 घंटे प्रशासन उनके सहयोग के लिए तैयार रहेगा.
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वहीं, स्थानीय जनप्रतिनिधि इचागढ़ की विधायक सविता महतो ने भी डैम को लेकर अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है. पर्यटकों को किसी भी तरह की यहां परेशानी न हो इसके लिए उन्होंने 4 बोट दी हैं. डैम में सबसे ज्यादा पं.बंगाल, चक्रधरपुर और जमशेदपुर से सैलिनियों की भीड़ पहुंच रही है. जिसमें बच्चे और युवा पर्यटकों में गजब का उत्साह देखा जा रहा है. इसके साथ ही कई स्कूल और कॉलेज प्रबंधन भी अपने छात्र-छात्राओं को चांडिल डैम की सैर कराने ले आ रहे हैं. इस डैम को देखने के बात रोमांचित पर्यटक कुछ इस तरह से इसका बखान भी कर रहे हैं.
चांडिल डैम के चारों ओर हरी-भरी वादियां है और इन वादियों के बीच में झील का होना किसी बड़े हिल स्टेशन का लुक देता है, जिससे सैलानी इस जगह के आकर्षक को भूल नहीं पाते और यहां बार-बार आना चाहते हैं. यहां आने के बाद वे बोटिंग का आनंद लेते हैं. वहीं, डैम की वजह से यहां के स्थानीय लोगों का रोजगार भी जोर पकड़ रहा है. सालों बाद डैम पर जुट रही भीड़ से नाव चलाने वाली समितियों ने भी राहत की सांस ली है.
रिपोर्ट : बीरेंद्र मंडल
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