आदिवासियों की संख्या में तेजी से आ रही है कमी, निशिकांत दुबे ने उठाया सवाल

झारखंड राज्य में स्थापित संथाल परगना में आने वाले पाकुड़, गोड्डा, दुमका व साहेबगंज जिले में इन-दिनों लगातार झारखंड सरकार के संरक्षित आदिम जनजातीय और संथाल आदिवासियों की जनसंख्या में तेजी से कमी आ रही है.

झारखंड राज्य में स्थापित संथाल परगना में आने वाले पाकुड़, गोड्डा, दुमका व साहेबगंज जिले में इन-दिनों लगातार झारखंड सरकार के संरक्षित आदिम जनजातीय और संथाल आदिवासियों की जनसंख्या में तेजी से कमी आ रही है.

author-image
Vineeta Kumari
New Update
nishikant dubey

निशिकांत दुबे ( Photo Credit : फाइल फोटो)

पूरे विश्व में झारखंड आदिवासियों का सबसे बड़ा राज्य माना जाता है. वहीं, झारखंड राज्य में स्थापित संथाल परगना में आने वाले पाकुड़, गोड्डा, दुमका व साहेबगंज जिले में इन-दिनों लगातार झारखंड सरकार के संरक्षित आदिम जनजातीय और संथाल आदिवासियों की जनसंख्या में तेजी से कमी आ रही है और मुस्लिमों की जनसंख्यां में तेजी से वृद्धि होने का सिलसिला लगातार जारी है. जिसका मुद्दा बारीकी से गोड्डा लोकसभा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने उठाया था और इन गंभीर समस्याओं को लेकर केंद्र सरकार का ध्यान भी आकृष्ट कराया था. यहां तक कि सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में यह भी कहा है कि 1901 में संथाल परगना के साहेबगंज जिला में आदिवासियों की जनसंख्या 35 प्रतिशत थी.

Advertisment

यह भी पढ़ें- 23 साल के इंतजार के बाद NTPC के प्लांट से अब शुरू होगा बिजली उत्पादन

सांसद निशिकांत दुबे ने उठाया सवाल

वहीं, मुस्लिमों की जनसंख्या उस वक्त मात्र 9 प्रतिशत ही था, लेकिन आज के वक्त में सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गृह नगरी साहिबगंज जिले में आदिवासियों की जनसंख्या घटकर मात्र 24 प्रतिशत हो गई है. मुस्लिमों की जनसंख्या बढ़कर 35 प्रतिशत पहुंच गई है. आगे गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में यह भी कहा है कि पूरे राज्य की यही स्थिति है. इससे संथाल परगना के डेमोग्राफी तेजी बदल रही है और भोले-भाले झारखंड के संस्कृति से जुड़े आदिवासी समाज व आदिम जनजातीय समाज के युवा पीढ़ी तेजी से मुस्लिमों के शिकार भी हो रहे हैं. जिसका जीता जागता उदाहरण साहिबगंज की बेटी रुबिका पहाड़िन है. हालही में इस खबर ने खूब सुर्खियां बटोरी, जब पता चला कि कैसे आदिवासी बेटी की शादी के बाद उसके ससुराल वालों ने टुकड़े-टुकड़े कर उसकी निर्मम हत्या कर दी. रुबिका हत्याकांड को श्रद्धा हत्याकांड से भी जोड़ कर देखा जा रहा है. आए दिन लव जिहाद के ऐसे कई मामले देश के अलग-अलग क्षेत्रों से सामने आ रहे हैं. ना जाने कितने आदिवासी समुदाय की बेटियां इस तरह से जिहादियों के चुंगल में फंसी हुई हैं, इसकी सख्ती से जांच की जरूरत है.

HIGHLIGHTS

  • आदिवासियों की जनसंख्या में तेजी से कमी
  • निशिकांत दुबे ने उठाया सवाल
  • सख्ती से जांच की जरूरत

Source : News State Bihar Jharkhand

hindi news update jharkhand local news Sahibganj NEWS Nishikant Dubey Jharkhand tribes
      
Advertisment