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गुमला में जर्जर स्कूल में पढ़ रहे छात्र, शिकायत के बाद भी प्रशासन बना बेखबर

एक तरफ तो झारखंड सरकार छात्रों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने की पहल कर रही है, लेकिन दूसरी ओर गुमला में बच्चे जान को जोखिम में डालकर पढ़ाई कर रहे हैं.

Updated on: 06 Dec 2022, 06:16 PM

highlights

.जर्जर स्कूल में पढ़ रहे छात्र
.एक ही हॉल में बैठते हैं सैंकड़ों छात्र
.जर्जर हालत में हॉल की सीलिंग
.सीलिंग गिरने से कई छात्र हो चुके हैं घायल
.शिकायत के बाद भी प्रशासन बना बेखबर

Gumla:

एक तरफ तो झारखंड सरकार छात्रों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने की पहल कर रही है, लेकिन दूसरी ओर गुमला में बच्चे जान को जोखिम में डालकर पढ़ाई कर रहे हैं. हाइस्कूल के छात्रों को एक साथ जर्जर हॉल में बिठाकर पढ़ाया जाता है. कई छात्र हॉल की सीलिंग गिरने से घायल भी हो गए हैं, लेकिन अभी तक स्कूल की व्यवस्था दुरुस्त नहीं की गई है. झारखंड का गुमला एक ऐसा जिला है जो आदिवासी बहुल होने के साथ ही आर्थिक रूप से काफी पिछड़ा है. राजधानी के करीब होने के बाद ही यहां की जनता मूलभूत सुविधाओं के लिए जद्दोजहद करती है. सिर्फ ग्रामीणों इलाकों में नहीं बल्कि शिक्षा के मंदिर में भी देखने को मिलता है. बच्चों की पढ़ाई भगवान भरोसे होती है. जिला मुख्यालय के SS प्लस 2 हाई स्कूल ने शिक्षा व्यावस्था की पोल खोलकर रख दी है. इस स्कूल में पढ़ने वाले तमाम छात्रों को एक ही हॉल में बिठाकर पढ़ाया जाता है.

हॉल में 500 से ज्यादा छात्र एक साथ बैठते हैं. पीछे बैठै छात्रों को तो बोर्ड पर लिखे शब्द दिखाई भी नहीं देते. टीचर्स भी माइक लगाकर बच्चों को सवाल समझाते हैं ताकि सभी छात्रों तक आवाज जा सके. टीचर्स की मानें तो ऐसे हालातों में पढ़ाना बेहद मुश्किल होता है, लेकिन उनके पास कोई और चारा भी नहीं है. वो छात्रों का भविष्य खराब नहीं होने देना चाहते हैं.

छात्रों की परेशानी इतनी भर नहीं है. क्योंकि हॉल में छात्रों को हादसे का डर भी सताता रहता है. दरअसल हॉल की छत जर्जर हालत में है. छत की सीलिंग टूट-टूटकर गिरती रहती है. इससे अब तक कई छात्र घयाल भी हो चुके हैं. ऐसे में छात्रों का ध्यान पढ़ाई पर कम ध्यान और  छत पर ज्यादा होता है.

स्कूल की बदहाली की जानकारी कई बार जिला प्रशासन को दी गई है, लेकिन मामले पर सुनवाई कितनी हुई है इसका अंदाजा तो तस्वीरों को ही देखकर लगा सकते हैं. इस बीच भारत सरकार के सचिव राहुल शर्मा जो जिले के डीसी भी रह चुके हैं वो अचानक स्कूल पहुंचे. जहां स्कूल का नजारा देख उन्होंने दुख जताया और जिला प्रशासन को व्यवस्था बेहतर करने के निर्देश दिए. इसके बाद जिले के डीसी ने भी स्कूल को दुरुस्त करने का आश्वासन दिया. बहरहाल, प्रशासन की ओर से आश्वासन तो मिल गया है अब देखना होगा कि स्कूल की हालत कब तक सुधर पाती है. 

रिपोर्ट : सुशील कुमार सिंह

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