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आय से अधिक संपत्ति मामले में बढ़ सकती है शिबू सोरेन की मुश्किलें, हाईकोर्ट में पूरी हुई सुनवाई

हेमंत सोरेन के बाद उनके पिता और झामुमो प्रमुख व सासंद शिबू सोरेन की मुश्किलें अब बढ़ती नजर आ रही है.

Updated on: 20 Feb 2024, 03:12 PM

highlights

  • शिबू सोरेन की बढ़ सकती है मुश्किलें
  • आय से अधिक संपत्ति मामले में सुनवाई
  • जानिए क्या है पूरा मामला?

Ranchi:

हेमंत सोरेन के बाद उनके पिता और झामुमो प्रमुख व सासंद शिबू सोरेन की मुश्किलें अब बढ़ती नजर आ रही है. आय से अधिक संपत्ति मामले में शिबू सोरने की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. बता दें कि शिबू सोरेन लोकपाल की जांच का सामना कर रहे हैं और उन्होंने इसके खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में लेटेस्ट पेटेंट अपील (LPA) दायर कर एकल पीठ के आदेश को चुनौत दी थी, जिसमें लोकपाल की जांच पर रोक लगाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट के एकल पीठ के आदेश को निरस्त करने की मांग की थी. वहीं, 20 फरवरी को इस मामले की सुनवाई न्यायाधीश रेखा पल्ली और न्यायाधीश रजनीश भटनागर की खंडपीठ में की गई. 

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आय से अधिक संपत्ति मामले में हुई सुनवाई

पहले यह सुनवाई 19 फरवरी को होनी थी, लेकिन सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल की सुप्रीम कोर्ट में व्यस्तता का हवाला देते हुए मामले की सुनवाई मंगलवार तक के लिइए स्थगित कर दी गई थी. जिसके बाद मंगलवार को न्यायाधीश रेखा पल्ली और रजनीश भटनागर की बेंच ने मामले पर सुनवाई की. मंगलवार को सुनवाई के दौरान शिबू सोरोन की ओर से उनके वकील ने अपने पक्ष को रखा और सभी पक्षों को सुनने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट के डबल बेंच ने अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया है. 

जानिए क्या है पूरा मामला?

आपको बता दें कि जनवरी में जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की एकल पीठ ने लोकपाल के मामले में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया था. साथ ही एकल पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा था कि याचिका को स्वीकार नहीं किया जा सकता है. भाजपा के सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने शिबू सोरेन व उनके परिवार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में अगस्त, 2020 में लोकपाल के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत के आधार पर लोकपाल ने सीबीआई को प्रारंभिक जांच करने के आदेश दिए थे, जिसे शिबू सोरेन ने चुनौती देते हुए रिट याचिका दायर की थी. वहीं, इन दिनों झारखंड में सियासी हलचले थमने का नाम ही नहीं ले रहा. कांग्रेस विधायक में कैबिनेट विस्तार के बाद से नाराजगी देखी जा रही है.