Jharkhand News: चतरा में डॉक्टर की शर्मनाक करतूत, फीस ना देने पर जच्चा-बच्चा को बनाया बंधक
नर्सिंग होम ने पहले गर्भवती महिला का जबरन सिजेरियन किया और इसके बाद महिला से 2 लाख की फीस मांगी गई. जब गरीब परिवार फीस नहीं दे पाया तो नर्सिंग होम संचालक ने नवजात और मां को बंधक बना लिया.
highlights
- चतरा में डॉक्टर की शर्मनाक करतूत
- गर्भवती का किया जबरन सिजेरियन
- 2 लाख फीस ना देने पर बना लिया बंधक
- परिजनों ने पुलिस से लगाई मदद की गुहार
Chatra:
चतरा में एक नर्सिंग होम की ऐसी करतूत सामने आई, जिसे जिसने भी सुना वो दंग रह गया. दरअसल नर्सिंग होम ने पहले गर्भवती महिला का जबरन सिजेरियन किया और इसके बाद महिला से 2 लाख की फीस मांगी गई. जब गरीब परिवार फीस नहीं दे पाया तो नर्सिंग होम संचालक ने नवजात और मां को बंधक बना लिया. नर्सिंग होम संचालक की इस करतूत ने पूरे जिले के स्वास्थ्य महकमे को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है. मामला एमजी नर्सिंग होम नाम के प्राइवेट क्लिनिक का है. जहां फीस ना देने पर महिला और उसके नवजात को बंधक बना लिया गया.
गर्भवती का किया जबरन सिजेरियन
दरअसल पकरिया गांव की रहने वाली सुषमा देवी को अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी. जिसके बाद एक बिचौलिये के जरिए वो एमजी नर्सिंग होम पहुंची. नर्सिंग होम की संचालक BEMS डिग्री धारक है, लेकिन डॉक्टर पूर्णिमा सिन्हा खुद को स्त्री रोग विशेषज्ञ बताती है. नर्सिंग होम में जाने पर डॉक्टर ने आनन-फानन में महिला का ऑपरेशन कर दिया. ऑपरेशन के बदले डॉक्टर ने परिजनों से दो लाख की राशि की मांग कर डाली. गरीब सुषमा के पति ने उसे अपने पास 20 हजार रुपए होने की बात कही. जिसके बाद डॉक्टर साहिबा ने पहले 20 हजार ले लिए और 1 लाख 80 हजार रुपये लाने का ऑर्डर दे दिया. जब पिता ने इतने पैसे ना होने की बात कही तो जच्चा-बच्चा को नर्सिंग होम में ही बंधक बना लिया गया.
2 लाख फीस ना देने पर बना लिया बंधक
पीड़ितों का साथ ही आरोप है कि आरोपी डॉक्टर ने कुछ लड़कों को बुलवाकर उनकी पिटाई भी करवा दी. जब इस मामले की जानकारी पुलिस को मिली तो सदर थाना प्रभारी ने तुरंत एक्शन लेते हुए नर्सिंग होम से जच्चा-बच्चा को मुक्त कराकर घर भिजवाया. इधर पीड़िता के पति ने सिविल सर्जन डॉ. श्यामनंदन सिंह को आवेदन देकर नर्सिंग होम संचालक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
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परिजनों ने पुलिस से लगाई मदद की गुहार
प्राइवेट नर्सिंग होम की मनमानी का ये पहला मामला नहीं है. झारखंड समेत देश के तमाम राज्यों में स्वास्थ्य महकमे के लिए ये बड़ी समस्या बन गई है. खासकर गांव और कस्बों में तो बिना डिग्री के ही झोलाछाप नर्सिंग होम चलाने लगते हैं. मनमाने ढंग से इलाज करते हैं और मनमाने ढंग से ही पैसों की वसूली की करते हैं. सबसे परेशान करने वाली बात ये कि इन नर्सिंग होम्स पर कार्रवाई भी नहीं की जाती. जिसका नतीजा है कि ये बड़े पैमाने पर फल-फूल रहे हैं.
रिपोर्ट : विकास
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