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'दाल भात योजना' में हो रहा घोटाला, विरोध करने पर मिलती है धमकी

इस योजना के तहत भोजन के लिए गरीबों से 5 रुपये लिए जाते हैं. वहीं, योजना के संचालक को नुकसान ना हो उसके लिए उन्हें लगभग 25 रुपये की राशि दी जाती है लेकिन पूरे महीने भर गरीबों को खिलाने के बाद भी संचालक को रसीद में लिखी राशि से कम का भुगतान नहीं होता.

Updated on: 13 Dec 2022, 09:02 AM

Koderma:

केंद्र सरकार ने गरीबों का पेट भरने के लिए कई योजना बनाई है. लेकिन कुछ राज्य भी समय समय पर खाद्य सुरक्षा को लेकर कई योजनाओं की शरुआत करते रहते हैं. झारखंड सरकार द्वारा भी एक ऐसी ही योजना लाई गई है. सरकार ने 'दाल भात योजना' की शुरुआत की है. इस योजना के तहत  सरकार वंचितों के लिए महज 5 रुपये में भरपेट भोजन उपलब्ध कराती है. राज्य में जगह जगह दाल भात केंद्र बनाए गए हैं. जिससे गरीबों को सस्ते दर पर खाना मिलता है. लेकिन अब इस योजना में भी धोखाधड़ी होने लग गई है. गरीबों का हक मारा जा रहा है. 

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इस योजना के तहत भोजन के लिए गरीबों से 5 रुपये लिए जाते हैं. वहीं, योजना के संचालक को नुकसान ना हो उसके लिए उन्हें लगभग 25 रुपये की राशि दी जाती है लेकिन पूरे महीने भर गरीबों को खिलाने के बाद भी संचालक को रसीद में लिखी राशि से कम का भुगतान किया जाता है. विरोध करने पर उन्हें सेंटर से हटाने की धमकी दी जाती है. आपको बता दें कि, कोडरमा प्रखंड में संचालित मुख्यमंत्री दाल भारत योजना को कार्तिक दास के द्वारा राशि की सप्लाई की जाती है. जिसमें सेंटर संचालक को राशि उपलब्ध कराना होता है लेकिन कार्तिक दास के द्वारा रसीद पर लिखी राशि से कम का भुगतान कर सामने वाले को डराया भी जाता है कि किसी भी तरह की परेशानी आने पर आपको खुद ही समझना होगा. इसकी शिकायत मिलने पर न्यूज़ स्टेट बिहार झारखंड के टीम के द्वारा स्टिंग ऑपरेशन किया गया तो सारी सच्चाई सामने आगई. वहीं, इस मामले में जिला आपूर्ति पदाधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने फोन उठाना भी उचित नहीं समझा, जिससे साफ जाहिर हो रहा है कि सभी की मिलीभगत है. 

रिपोर्ट - अरुण बरनवाल