Jharkhand News: समृद्ध आदिवासी संस्कृति की पहचान है झारखंड की संथाली भाषा

भाषाई व‍िरासत के भव‍िष्‍य को लेकर सीएम हेमंत सोरेन ने ल‍िखा क‍ि अबुआ सरकार झारखंड की सभी आदिवासी एवं क्षेत्रीय भाषाओं के संरक्षण, संवर्धन और प्रचार-प्रसार के लिए प्रतिबद्ध है ताकि हमारी भाषाई विरासत सुरक्षित रहे और नई पीढ़ी उससे गर्व के साथ जुड़ सके.

भाषाई व‍िरासत के भव‍िष्‍य को लेकर सीएम हेमंत सोरेन ने ल‍िखा क‍ि अबुआ सरकार झारखंड की सभी आदिवासी एवं क्षेत्रीय भाषाओं के संरक्षण, संवर्धन और प्रचार-प्रसार के लिए प्रतिबद्ध है ताकि हमारी भाषाई विरासत सुरक्षित रहे और नई पीढ़ी उससे गर्व के साथ जुड़ सके.

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Shyam Sundar Goyal
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सीएम हेमंत सोरेन Photograph: (hemant soren official)

Jharkhand News: वर्ष 2003 में संथाली भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कर आधिकारिक दर्जा दिया गया था. यह दर्जा 22 द‍िसंबर 2003 को द‍िया गया था. सोमवार को इस द‍िन को फ‍िर से याद क‍िया गया. 

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इस अवसर पर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने सोमवार को 'एक्‍स' पर पोस्‍ट करते हुए ल‍िखा क‍ि आज के दिन वर्ष 2003 में संथाली भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कर आधिकारिक दर्जा दिया गया था. इस ऐतिहासिक दिन पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं, बधाई एवं जोहार।

संथाली भाषा का क्‍या है महत्‍व? 

संथाली भाषा के महत्‍व को उजागर करते हुए आगे ल‍िखा क‍ि संथाली भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि हमारी समृद्ध आदिवासी संस्कृति, परंपराओं, इतिहास और पहचान की जीवंत अभिव्यक्ति है. पंडित रघुनाथ मुर्मू जी ने संथाली भाषा को ओल-चिकी लिपि के माध्यम से जो सम्मान और संरचना दी, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अमूल्य धरोहर है.

संथाली भाषा को कैसे म‍िल रहा सरकारी सरंक्षण?

भाषाई व‍िरासत के भव‍िष्‍य को लेकर सीएम हेमंत सोरेन ने ल‍िखा क‍ि अबुआ सरकार झारखंड की सभी आदिवासी एवं क्षेत्रीय भाषाओं के संरक्षण, संवर्धन और प्रचार-प्रसार के लिए प्रतिबद्ध है ताकि हमारी भाषाई विरासत सुरक्षित रहे और नई पीढ़ी उससे गर्व के साथ जुड़ सके. 

कहां-कहां बोली जाती है संथाली भाषा? 

बता दें क‍ि संथाली भाषा लिखने, बोलने और पढ़ने वाले देश-विदेश में फैले करीब 80 लाख से अधिक लोगों के लिए 22 दिसंबर काफी मायने रखता है. दशकों से उठती मांग और लंबे आंदोलन के बाद साल 2003 में इसी तारीख को संथाली को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया था. तभी से इस दिन को संथाली विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम के अलावा बांग्लादेश, नेपाल और भूटान के कई आदिवासी अंचलों की प्रमुख भाषा है संथाली.

भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में कौन-कौन सी भाषाएं शामिल हैं?

भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भाषाएं शामिल हैं, जिनमें मूल रूप से 14 भाषाएं थीं और बाद में कई संशोधनों के माध्यम से सिंधी, कोंकणी, मणिपुरी, नेपाली, बोडो, डोगरी, मैथिली और संथाली जोड़ी गईं. ये भाषाएं देश की आधिकारिक भाषाओं के रूप में मान्यता प्राप्त हैं. इनमें असमिया, बंगाली, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, संस्कृत, तमिल, तेलुगु, उर्दू, मराठी, उड़िया, पंजाबी, नेपाली, कोंकणी, मणिपुरी, बोडो, डोगरी, मैथिली, संथाली, मलयालम और सिंधी शामिल हैं. 

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