साहिबगंज में पत्थर माफियाओं का 'राज', 5 गांवों का आपस में टूटा संपर्क

साहिबगंज में इन दिनों पत्थर माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद है कि ग्रामीण दहशत में जीने को मजबूर हैं.

साहिबगंज में इन दिनों पत्थर माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद है कि ग्रामीण दहशत में जीने को मजबूर हैं.

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Jatin Madan
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ओवरलोड वाहनों से सड़कें हुई जर्जर( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)

साहिबगंज में इन दिनों पत्थर माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद है कि ग्रामीण दहशत में जीने को मजबूर हैं. आलम ये है कि यहां पत्थर माफियाओं के चलते सड़कें जर्जर हो चुकी हैं, लेकिन कुंभकर्णीय नींद में सोए जिला प्रशासन के कानों तले जूं भी नहीं रेंग रही. अवैध खनन का काम हो या फिर अवैध तरीके से चल रहा क्रेशर, माफिया मनमाने ढंग से काम करते हैं. उनके मन में ना तो पुलिस का खौफ है ना प्रशासन का डर. इलाके में लगातार पत्थरों का अवैध खनन होता है और खनन के बाद ओवरलोड गाड़ियों को सड़कों से दूसरी जगह ले जाया जाता है. जिसके चलते कई सड़कें पूरी तरह जर्जर हो चुकी हैं. सड़कों की हालत ऐसी हो गई है कि गाड़ियों की आवाजाही तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है.

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जिले के 5 गांव ऐसे हैं जिनका पत्थर माफियाओं के चलते आपस में संपर्क टूट गया है. क्योंकि इन गांवों की सड़कें पूरी तरह बर्बाद हो गई है. तालझारी अंचल इलाके के पगारमौजा, झिरिकडंगामौजा और कट्टेकेवा मौजा ऐसे इलाके हैं जहां सभी सरकारी नियमों को ताक पर रखकर घनी आबादी के बीच अवैध पत्थर खदान और क्रेशर चलाए जा रहे हैं. इन क्रेशरों से निकलने वाले धूल कण आसपास के उपजाऊ जमीन को पूरी तरह से बंजर कर रहा है. इतना ही नहीं इससे प्रकृति को भी नुकसान पहुंच रहा है.

एक तरफ पत्थर माफिया दिन-दहाड़े सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर प्रशासन के अधिकारियों ने मानों आंखे मूंद ली हो. प्रशासन के गैर-जिम्मेदाराना रवैये से तंग ग्रामीणों ने अब मोर्चा खोल दिया है. ग्रामीणों के साथ सत्ताधारी JMM के नेता और पंचायत के मुखिया अमीन रफाईल हेम्ब्रम ने भी क्षेत्र के विधायक लोबिन हेम्ब्रम से मामले पर कड़ी करवाई की मांग की है. ग्रामीणों ने साथ ही चेतावनी दी है कि अगर जल्द से जल्द माफियाओं पर कार्रवाई नहीं की गई तो वो तालझारी प्रखंड कार्यालय का घेराव करेंगे.

गौरतलब है कि साहिबगंज, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र में आता है. बावजूद प्रशासनिक अधिकारियों का ये रवैया सवालों के घेरे में है. बड़ा सवाल ये कि खुले आम माफियाओं की मनमानी पर अधिकारी कार्रवाई क्यों नहीं करते?

रिपोर्ट : गोविंद कुमार ठाकुर

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HIGHLIGHTS

.पत्थर माफियाओं के शिकंजे में जिला प्रशासन
.खौंफ में जीते हैं ग्रामीण 
.ओवरलोड वाहनों से सड़कें हुई जर्जर
.5 गांवों का आपस में टूटा संपर्क

Source : News State Bihar Jharkhand

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