आंखों में आंसूओं के सैलाब के बीच उम्मीद की एक किरण भी है. उम्मीद कि शायद इस गरीब परिवार की गुहार लोगों तक पहुंचे और घर के चिराग की जान बच जाए, जो अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है. साहिबगंज के श्याम ठाकुर सड़क हादसे के बाद अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं, तो घर पर उनका गरीब परिवार बेबसी की मार झेल रहा है. अस्पताल में भर्ती बेटे को बचाने के लिए माता-पिता मंदिर हो या मस्जिद, दर-दर भटक रहे हैं. बेटे के इलाज के लिए 20 लाख की जरूरत है, लेकिन गरीब परिवार के पास तो दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए पैसे नहीं है.
अस्पताल में जंग लड़ रहा परिवार का 'चिराग'
दरअसल, श्याम ठाकुर 19 जून को काम निपटाकर अपने घर बाकुड़ी बाजार आ रहे थे. इसी बीच तीनप हाड़ थाना क्षेत्र के निमगाछी के पास उनकी बाइक हादसे का शिकार हो गई. आनन-फानन में ग्रामीणों ने उन्हें स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया. जहां प्राथमिकी उपचार के बाद डॉक्टर्स ने उन्हें धुलीयान रेफर कर दिया, लेकिन धुलीयान के डॉक्टरों ने भी बेहतर इलाज के लिए कोलकत्ता रेफर कर दिया. फिलहाल श्याम टाकुर का इलाज कोलकाता के बीएनआई अस्पताल में चल रहा है.
इलाज के लिए 15-20 लाख की जरूरत
परिवारवालों की मानें तो इलाज में करीब 20 लाख तक का खर्चा है. गरीब परिवार ने कर्ज लेकर करीब आठ लाख तक राशि चुका दी है. अब परिवार बाकी पैसे चुकाने में असमर्थ है और मदद की गुहार लगा रहे हैं. बेबस परिवार दर-दर भटक लोगों से गुहार लगा रहे हैं. ताकि कैसे भी पैसों का इंतजाम हो जाए और उनके बेटे की जिंदगी बच जाए. परिवारवाले जिला प्रशासन से लेकर मंत्रियों के दरवाजे भी खटखटा चुके हैं, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली. ऐसे में आपकी छोटी सी पहल भी इस परिवार के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगी. NEWS STATE बिहार झारखंड भी अपील करता है कि पीड़ित परिवार को शासन प्रशासन से भी मदद उपलब्ध कराई जाए, ताकि पैसों की कमी के चलते एक जिंदगी खत्म ना हो जाए.
HIGHLIGHTS
- गरीब परिवार को मदद की दरकार
- अस्पताल में जंग लड़ रहा परिवार का 'चिराग'
- इलाज के लिए 15-20 लाख की जरूरत
Source : News State Bihar Jharkhand