झारखंड में छात्रों के भविष्य से खिलवाड़, स्कूल में पढ़ाई की जगह करते हैं सफाई

कोडरमा में शिक्षा की बदहाली की एक और तस्वीर सामने आई है. जहां शिक्षा विभाग की लापरवाही और स्कूल में टीचर्स की कमी के चलते छात्रों का भविष्य अधर में लटका है.

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Jatin Madan
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अधर में लटका छात्रों का भविष्य.( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)

कोडरमा में शिक्षा की बदहाली की एक और तस्वीर सामने आई है. जहां शिक्षा विभाग की लापरवाही और स्कूल में टीचर्स की कमी के चलते छात्रों का भविष्य अधर में लटका है. स्कूल ग्राउंड में बच्चे कचरा उठाते दिख जाते हैं. बच्चे क्लास में नहीं रहते क्योंकि टीचर्स ही नहीं हैं और टीचर्स नहीं है क्योंकि 7 में से 4 टीचर्स की ड्यूटी बोर्ड एग्जाम में लगा दी गई है. बात रही छात्रों की शिक्षा की, तो वो भगवान भरोसे ही चल रही है.

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सफाईकर्मी का काम करते हैं बच्चे

जिले के मुख्य शहर झुमरी तिलैया के मडुआटांड के राजकीयकृत मध्य विद्यालय में पहली से आठवीं तक के छात्रों को पढ़ाया जाता है, लेकिन स्कूल में टीचर्स की कमी के चलते आज छात्रों का भविष्य अधर में लटका दिखाई दे रहा है. स्कूल के हालातों का जायजा लेने जब न्यूज़ स्टेट बिहार झारखंड की टीम मौके पर पहुंची तो हमने पाया कि क्लासेस शुरू होने के बाद भी बच्चे ग्राउंड में साफ-सफाई कर रहे हैं. पूछने पर पता चला कि स्कूल में साफ-सफाई के लिए कोई सफाईकर्मी नहीं है ऐसे में सभी छात्र मिलकर ही स्कूल को साफ करते हैं.

अकेले प्रिंसिपल के कंधों पर भार

स्कूल प्रिंसिपल से जब इस बाबत सवाल किया गया तो प्रिंसिपल का कहना था कि स्कूल में सफाईकर्मी ना होने के चलते बच्चों से सफाई करवानी पड़ती है और इसी वजह से पढ़ाई से देरी से शुरू होती है. टीचर्स की कमी भी बड़ी समस्या है. जानकारी के मुताबिक स्कूल में कुल 310 छात्र हैं. इसमें से 127 की उपस्थिति है. स्कूल में कुल 7 शिक्षक है. जिसमें से 4 शिक्षकों को बोर्ड एग्जाम के लिए लगा दिया गया और 2 शिक्षकों को शिशु पंजीयन बनाने में लगा दिया गया है. यानी तमाम क्लासेस के साथ पूरे स्कूल का भार अकेले प्रिंसिपल के कंधों पर है. यही वजह है कि बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है.

स्कूल में सिर्फ 7 शिक्षक

एक तरफ तो जिले के उपायुक्त बच्चों की पढ़ाई को बेहतर बनाने के लिए तमाम योजनाएं चला रहे हैं तो दूसरी ओर जिले में स्कूल की ये हालत प्रशासन पर कई सवाल खड़े करती है. सवाल ये कि आखिर स्कूल में सफाईकर्मियों की नियुक्ति क्यों नहीं की गई है. पहले ही स्कूल में सिर्फ 7 शिक्षक हैं. उनमें से भी कई शिक्षकों की बोर्ड एग्जाम्स में ड्यूटी क्यों लगाई गई है. सवाल तो ये भी कि अगर यही हालात रहें तो बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना कैसे कर सकते हैं. 

रिपोर्ट : अरुण बर्णवाल

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HIGHLIGHTS

  • छात्रों के भविष्य से क्यों खिलवाड़?
  • टीचर्स की कमी... शिक्षा व्यवस्था बदहाल
  • स्कूल की सफाई करने पर क्यों मजबूर छात्र?
  • अधर में लटका छात्रों का भविष्य 

Source : News State Bihar Jharkhand

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